दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

क्या मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है?

क्या मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है? इसके तकनीकी पहलुओं के साथ ही सीएम तीरथ के बयान के मायनों को समझने के लिए हमने डॉक्टर्स और राजनीति और इससे समझ रखने वाले लोगों से बात की. जिसमें हमने ये समझने की कोशिश की कि सीएम के इस बयान के क्या मायने हैं.

मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री

By

Published : Jun 27, 2021, 10:54 PM IST

देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (third wave of corona infection) की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार अभी से ही व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने में जुट गई है. तीसरी लहर के खतरे को देखते हुएराज्य सरकार(state government) और स्वास्थ्य विभाग कोविड केयर सेंटर (covid care center)बनाने पर जोर दे रही है. इसी क्रम में बीते दिनोंमुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Chief Minister Tirath Singh Rawat) ने खाली पड़े मुख्यमंत्री आवास (chief minister residence)को भी कोविड केयर सेंटर बनाने की बात कही.

आइये आपको बताते हैं कि क्या वास्तव में मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है या नहीं. किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री आवास बेहद खास होता है, मगर उत्तराखंड का मुख्यमंत्री आवास समय-समय पर विवादों से घिरा रहा है. वहीं, मुख्यमंत्री आवास से एक मिथक जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि मुख्यमंत्री आवास अपशगुनी है. इस मुख्यमंत्री आवास को लेकर चर्चाएं हैं कि जो भी मुख्यमंत्री इस आवास में रहता है वह अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है.

क्या मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है?

अगर इस मुख्यमंत्री आवास में रहने वाले मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल पर गौर करें तो अभी तक तो ऐसा ही होता रहा है. लिहाजा, अटकलें लगाई जा रही हैं कि इन्हीं अफवाहों की वजह से ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, मुख्यमंत्री आवास में रहने नहीं गए.

18 करोड़ की लागत और पहाड़ी शैली से बना है आवास

राजधानी देहरादून की वादियों में 18 करोड़ की लागत से पहाड़ी शैली में बना उत्तराखंड मुख्यमंत्री आवास अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. गढ़ी कैंट में राजभवन के बराबर में बने मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कार्य तत्कालिक मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के शासनकाल में हुआ था.

तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने बंगले का किया था उद्घाटन

जब इस मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कार्य पूरा हुआ तब तक एनडी तिवारी का कार्यकाल पूरा हो चुका था. इसके बाद साल 2007 में बीजेपी की सरकार आई. तब प्रदेश की कमान बीसी खंडूड़ी ने संभाली. जिसके बाद बीसी खंडूड़ी ने इस अधूरे बंगले को पूरी शिद्दत के साथ तैयार कराया. बंगला तैयार होने के बाद बतौर मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने इसका उद्घाटन किया और वहीं रहने लगे.

कोविड केयर सेंटर के लिए किन किन बातों का रखना होता है ध्यान

वहीं, देहरादून के सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि कोविड सेंटर किसी छोटे-मोटे घर या फिर छोटी जगह पर नहीं बनाया जा सकता बल्कि उसके लिए कोई बड़ी बिल्डिंग, स्कूल को ही चुना जाता है. कोविड केयर सेंटर बनाए जाने के लिए हवादार कमरों के साथ ही मरीज के लिए सेपरेट टॉयलेट बाथरूम समेत अन्य व्यवस्थाएं मुकम्मल करनी होती हैं. यहां डिस्टेंस मेंटेन करते हुए एक कमरे में 2 मरीजों को रखा जा सकता है. कोविड केयर सेंटर के लिए इन तमाम व्यवस्थाओं के साथ ही एक खुली जगह होना भी आवश्यक है.

केयर सेंटर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से की जाती है ऑक्सीजन की व्यवस्था
डॉ. उप्रेती ने बताया कि ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अब ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे किसी भी मरीज को अगर तत्काल ऑक्सीजन की जरूरत है तो उसे ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सकता है. इसके लिए कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखे जाते हैं. डॉ. उप्रेती ने बताया कि पहले कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत नहीं पड़ रही थी, लेकिन दूसरी लहर के बाद सभी कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन सिलेंडर या फिर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखना अनिवार्य है.

मुख्यमंत्री आवास में बनाया जा सकता है कोविड केयर सेंटर

डॉ. उप्रेती ने बताया कि किसी भी बड़ी बिल्डिंग में कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है. इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि वहां थोड़ी खुली जगह भी हो. इस लिहाज से मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है. इस डॉक्टर उप्रेती ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास में खुली जगह है, यहां व्यवस्थाएं पूरी हैं. जिसके कारण यहां कोविड केयर सेंटर बनाया जा सकता है. हालांकि, वे कहते हैं अभी तक उनके पास मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाए जाने का कोई भी प्रस्ताव नहीं आया है.

कोविड केयर सेंटर के लिए क्यों उपयुक्त है सीएम आवास

  1. सीएम आवास 10 एकड़ में फैला है.
  2. यहां कोविड केयर सेंटर के लिए खुली और पर्याप्त जगह है.
  3. सीएम आवास में 60 कमरे हैं.
  4. जिससे यहां बड़ी संख्या में मरीजों को रखा जा सकता है.
  5. आसानी से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जा सकती है.

सीएम आवास की खासियत

  1. 18 करोड़ की लागत से बनाया गया है सीएम आवास.
  2. सीएम आवास में बैडमिंटन कोर्ट, स्विमिंग पूल, लॉन की सुविधा है.
  3. मुख्यमंत्री के लिए विशेष कैंप ऑफिस भी बनाया गया है.

आवास को केयर सेंटर बनाना जनभावना कम, अंधविश्वास ज्यादा नजर आ रहा है

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाना, मुख्यमंत्री की जनभावना कम, बल्कि उनका अंधविश्वास ज्यादा नजर आ रहा है. यह अंधविश्वास लंबे समय से चला आ रहा है कि जो भी मुख्यमंत्री उस बंगले में रहता है वह अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. प्रदेश में कोविड केयर सेंटर बनाए जाने के लिए तमाम अस्पताल मौजूद हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाना कहीं से कहीं तक ठीक नहीं है. वे बताते हैं कि राजभवन और मुख्यमंत्री आवास राज्य की एक बड़ी धरोहर होती है. लेकिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री आवास में न जाना पड़े, इसके लिए ही मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बना रहे हैं.


विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए आवास को केयर सेंटर बनाने में नहीं कोई बुराई

वहीं, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास को कोविड केयर सेंटर बनाना मुख्यमंत्री की संवेदना को व्यक्त करता है. वर्तमान सरकार, जनता की सरकार है, लिहाजा जनता की सरकार में मुख्यमंत्री आवास हो या फिर सचिवालय, सभी जनता के लिए ही हैं. ऐसे में अब जब मुख्यमंत्री आवास खाली पड़ा है तो उसका उपयोग कोविड केयर सेंटर बनाने में किया जा रहा है. जिसमें कोई बुराई नहीं है.

जिसमें मुख्यमंत्री खुद नहीं रहना चाह रहे हैं उसे बना रहे हैं केयर सेंटर
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि जिस आवास में खुद मुख्यमंत्री रहने नहीं जा रहे हैं उसे वे कोविड केयर सेंटर बनाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री कोई बड़ा कार्य नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा इससे यह बात स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार की तैयारियां नाकाफी हैं.

20 साल में 10 मुख्यमंत्रियों के संभाली उत्तराखंड की कमान

  1. उत्तराखंड में अंतरिम कार्यकाल के दौरान स्व० नित्यानंद स्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया. जिन्होंने 9 नवम्बर 2000 से 29 अक्टूबर 2001 तक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली.
  2. राज्य के अंतरिम कार्यकाल के दौरान स्वर्गीय एनडी तिवारी को हटाकर 30 अक्टूबर 2001 को भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो 1 मार्च 2002 तक मुख्यमंत्री रहे.
  3. पहली निर्वाचित सरकार में एनडी तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया गया. जिन्होंने 2 मार्च 2002 से 7 मार्च 2007 तक मुख्यमंत्री का पदभार संंभाला. उन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.
  4. दूसरी निर्वाचित सरकार में भुवन चंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री बनाया गया. जिन्होंने 8 मार्च 2007 से 23 जून 2009 तक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली.
  5. दूसरी निर्वाचित सरकार के दौरान ही भुवन चंद्र खंडूड़ी को हटाकर रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री बनाया गया. जिन्होंने 24 जून 2009 से 10 सितंबर 2011 तक मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली.
  6. एक बार फिर दूसरी निर्वाचित सरकार के दौरान ही रमेश पोखरियाल निशंक को हटाकर भुवन चंद्र खंडूड़ी को ही मुख्यमंत्री बना दिया गया. वे 11 सितंबर 2011 से 13 मार्च 2012 तक मुख्यमंत्री रहे.
  7. तीसरी निर्वाचित सरकार के दौरान विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया गया. जिन्होंने 13 मार्च 2012 से 21 जनवरी 2014 मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली.
  8. तीसरी निर्वाचित सरकार के दौरान ही विजय बहुगुणा को हटाकर हरीश रावत को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंप दी गई. हरीश रावत के कार्यकाल के दौरान दो बार राष्ट्रपति शासन भी लगाया गया. ऐसे में हरीश रावत ने 1 फरवरी 2014 को शपथ ली. उनका कार्यकाल 18 मार्च 2017 तक रहा.
  9. चौथी निर्वाचित सरकार के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया, जो 18 मार्च 2017 से 9 मार्च 2021 तक मुख्यमंत्री रहे.
  10. चौथी निर्वाचित सरकार के दौरान ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद हटाया गया. 9 मार्च 2021 को तीरथ सिंह रावत को कमान सौंपी गयी.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details