चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) ने स्पष्ट किया है कि निर्णय लेने के लिए उसके समक्ष मुख्य मुद्दा यह है कि क्या कोई राज्य निवास (डोमिसाइल domicile) के आधार पर रोजगार देने की सीमा (giving jobs on the basis of domicile) तय कर सकता है, भले ही वह निजी क्षेत्र में क्यों न हो.
अदालत ने हरियाणा के उस कानून पर रोक लगा दी थी, जिसके अनुसार राज्य के निवासियों को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था.