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राजस्थान के चुनावी मैदान में थमा प्रचार-प्रसार का शोर, अब प्रत्याशी डोर टू डोर कर सकेंगे मनुहार

Rajasthan Assembly Elections 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव के मैदान में गुरुवार शाम 6 बजे प्रचार प्रसार का शोर थम गया. उसके बाद अब प्रत्याशी डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे.

Campaigning for Rajasthan Assembly elections, Campaigning for elections ended
राजस्थान के चुनावी मैदान में थमा प्रचार-प्रसार का शोर.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 23, 2023, 6:13 PM IST

जयपुर.राजस्थान में हो रहे विधानसभा चुनाव 2023 के लिए गुरुवार को शाम 6 बजे प्रचार-प्रसार का शोर थम गया. इसके बाद अब प्रत्याशी डोर टू डोर अपना प्रचार कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार मतदान के अंतिम 48 घंटे पहले प्रत्याशियों को प्रचार बंद करना होता है. पार्टियों के स्टार प्रचारक और नेताओं को 6 बजने के साथ ही विधानसभा क्षेत्र से बाहर जाना होगा. चुनावी प्रचार-प्रसार का दौर थमने के बाद अब किसी भी तरह की जनसभा, रैली और जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा.

अब सिर्फ डोर टू डोर जन संपर्कःशाम 6 बजे चुनाव प्रचार थमने के बाद अब प्रदेश में कहीं भी जनसभा और रोड शो की परमिशन नहीं है. चुनाव प्रचार थमने के बाद प्रत्याशी डोर टू डोर चुनाव प्रचार करेंगे. इसके बाद कल शुक्रवार को ईवीएम के साथ मतदान दलों को बूथ के लिए रवाना किया जाएगा. बता दें कि प्रदेश में 199 सीटों पर 25 नंवबर को मतदान होगा. सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी. इस बार प्रदेश की करणपुर सीट पर विधानसभा चुनाव नहीं हो रहे हैं, क्योंकि यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी का निधन हो गया था.

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6 बजे प्रचार का शोर बंदः मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के अंतर्गत होने वाले मतदान के लिए शाम 6 बजे से प्रचार-प्रसार थम गया है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के अनुसार मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि से पहले प्रचार बंद करना होता है . 25 नवंबर को शाम 6 बजे तक मतदान होगा, ऐसे में आज शाम 6 बजने के साथ ही ये अवधि शुरू हो गई है. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि इन निर्देशों की पालना निर्वाचन मशीनरी एवं पुलिस प्रशासन की ओर से सुनिश्चित करने के निर्देश आयोग ने दिए हैं. इसमें सामुदायिक केंद्रों, धर्मशालाओं आदि जहां पर बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जाता है, उनकी निगरानी करने, गेस्ट हाऊस आदि में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी करने, बाहर से आने वाले वाहनों पर निगरानी रखने, इसके लिए चेकपोस्ट स्थापित करने और सत्यापन करने की कार्रवाई भी शामिल है .

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ये रहेंगे दिशा निर्देश

  1. निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस नहीं होगी.
  2. टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधनों की ओर से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा.
  3. कोई संगीत समारोह, नाट्य अभिनय या अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता को आकर्षित करने की दृष्टि से आयोजित नहीं किया जा सकेगा. कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करेगा तो उसे दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना हो सकता है.
  4. भारत निर्वाचन आयोग ने प्रासंगिक पत्रों के माध्यम से निर्देशित किया है कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है. वह उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद नहीं ठहर सकता.
  5. यह भी निर्देश हैं कि राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनैतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से भिन्न) यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा.

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