आइजोल : मिजोरम के गृहमंत्री लालचामलियाना ने 46 असम राइफल्स और मिजोरम राज्य में अन्य बटालियनों द्वारा आयोजित नशीली दवाओं के खिलाफ जारी अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ किया गया. इस दौरान समारोह में बोलते हुए लालचमलिया ने कहा कि वह असम राइफल्स के लिए आभारी हैं कि उन्होंने इस तरह के महत्वपूर्ण अभियान का आयोजन किया, जो समय की जरूरत है.
इस अभियान को दूर दराज के सीमावर्ती गांवों सहित राज्य भर में चार चरणों में चलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि असम राइफल्स ने राज्य में नशीली दवाओं के प्रभाव को रोकने में राज्य सरकार की सहायता करने और युवाओं को ड्रग्स के बुरे चंगुल से मुक्त करके समाज के समग्र उत्थान में मदद करने के लिए यह व्यापक पहल की है.
1984 से मिजोरम में अबतक131 महिलाओं सहित 1630 लोगों को नशीली दवाओं के सेवन के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इसके अलावा 2020 में भी नशे के कारण 50 लोगों की मौत हो गई.
बता दें कि भारत में लगभग 0.7 प्रतिशत लोग नशीली दवाओं से प्रभावित है और मिजोरम देश में उच्चतम स्थान पर है.
समाज कल्याण विभाग द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण में आइजोल (राज्य में कुल ड्रग उपयोगकर्ताओं का 27.8 फीसदी लोग हैं) और लॉंग्तेलाई में ऐसे लोगों की सबसे कम संख्या दर्ज की गई है, जो 5.9 प्रतिशत है, पिछले साल असम राइफल्स ने अकेले ही 2.95 लाख की हेरोइन जब्त की थी. साथ ही उसने 29.29 करोड़ रुपए मूल्य की मेथम्फेटामाइन की गोलियां जब्त कीं.
46 बीएन असम राइफल्स के कमांडेंट कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने कहा कि हम राज्य में ड्रग सप्लाई को रोकने के उद्देश्य से इस अभियान को शुरू करना चाहते हैं. जैसा कि इंटेलिजेंस संगठन हैं, म्यांमार से मादक पदार्थों के प्रवाह को जब्त करने में अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं.
इस विशाल एंटी-ड्रग ड्राइव के दूसरे चरण की शुरूआत एस्तेर हंम और असम राइफल्स के डीआईजी द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई.