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केंद्रीय श्रमिक संगठनों का सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च को हड़ताल का आह्वान - केंद्रीय श्रमिक संगठनों हड़ताल का आह्वान

केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने सरकार की कामगार, किसान और जन विरोधी नीतियों के विरोध में 28 और 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है (Call for strike on 28-29 March).

Call for strike on 28-29 March against the anti-people policies of the central trade unions
केंद्रीय श्रमिक संगठनों का सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च को हड़ताल का आह्वान

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Published : Mar 27, 2022, 9:58 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने सरकार की कामगार, किसान और जन विरोधी नीतियों के विरोध में 28 और 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है (Call for strike on 28-29 March). श्रमिक संगठनों के बयान के अनुसार, कामगार विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी तथा राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च, 2022 को दो दिन की हड़ताल को लेकर विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में तैयारियों के सिलसिले में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच की 22 मार्च, 2022 को दिल्ली में बैठक हुई.

बयान में कहा गया है कि एस्मा (हरियाणा और चंडीगढ़, क्रमशः) के खतरे के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का निर्णय किया है. इसमें कहा गया है कि बैंक और बीमा समेत वित्तीय क्षेत्र भी हड़ताल में शामिल होंगे. कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर, तांबा, बैंक, बीमा समेत अन्य क्षेत्रों को हड़ताल को लेकर नोटिस दिये गये हैं.

बयान के अनुसार, बैठक में इस तथ्य पर ध्यान दिया गया कि हाल ही में हुए राज्यों के चुनावों के परिणामों से उत्साहित केंद्र की भाजपा सरकार ने मेहनतकश लोगों के हितों के खिलाफ नीतियों को जोर-शोर से लागू करना शुरू कर दिया है. कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है.

साथ ही पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी आदि के दाम में में अचानक वृद्धि की गयी है। सार्वजनिक उपक्रमों की जमीन को बाजार पर चढ़ाने (मौद्रीकरण योजना) को लेकर कदम उठाये जा रहे हैं. बैठक में इन नीतियों की आलोचना की गयी. बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की घोषणा का स्वागत किया गया. उन्होंने 28-29 मार्च को ‘गांव बंद’ का आह्वान किया है. बयान के अनुसार, बैठक में केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यस्तरीय विभिन्न श्रमिक संगठनों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की गयी है.

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संगठनों ने यूनियन के सदस्यों को केंद्रीय श्रमिक संगठनों के फेसबुक पेज पर जोड़कर 24 मार्च को सार्वजनिक बैठक का भी निर्णय किया. संयुक्त मंच में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एचएमएस (हिंद मजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनन्स), एआईयूटीयूसी (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसएिशन), एआईसीसीटीयू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियनन्स), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन) और यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस) शामिल हैं.

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