नई दिल्ली:असम-मिजोरम विवाद में हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना तेज कर दिया है. बुधवार को कांग्रेस के राज्य सभा सांसद रिपुन बोरा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस बारे में पत्र लिखा. उन्होंने मांग की कि इस दशकों पुराने सीमा विवाद के स्थायी समाधान की तलाश के लिए गृह मंत्री दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पूर्वोत्तर के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक आयोजित करें.
शाह को लिखे एक पत्र में कांग्रेस सांसद ने चेतावनी दी कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो असम-मिजोरम सीमा पर स्थिति बद से बद्तर हो सकती है और इसका बुरा असर पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा. मिजोरम पुलिस द्वारा असम के अधिकारियों के एक दल पर सोमवार को की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह कर्मियों की जान चली गई थी जबकि एक पुलिस अधीक्षक समेत 80 लोग घायल हो गए थे.
विवाद विस्फोटक स्थिति में है विवाद
बोरा ने कहा कि असम-मिजोरम सीमा विवाद विस्फोटक स्थिति में पहुंच गया है और दोनों राज्यों के बल अब भी सीमा पर 'जवाब' देने के मूड में हैं. सांसद ने कहा कि गोलीबारी और पुलिस कर्मियों की मौत की खबर सभी पूर्वोत्तर राज्यों और देश भर में फैली है और दोनों राज्यों में तनावपूर्ण स्थिति की वजह से भीड़ द्वारा हिंसा की और घटनाएं हो सकती हैं.
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सीमा विवाद से जुड़े मामले में अगर सकारात्मक राजनीतिक प्रतिक्रिया के साथ तनाव को तत्काल दूर नहीं किया गया तो दोनों राज्यों में स्थिति बद से बद्तर हो सकती है और इसका असर पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा. कहा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पूर्वोत्तर राज्यों के सभी राजनीतिक दलों, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व स्थानीय राजनीतिक दलों समेत, तथा सभी पक्षकारों की बैठक प्रधानमंत्री की मौजूदगी में बुलाएं जिससे स्थायी समाधान हासिल किया जा सके.
असम पुलिस ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को मिजोरम सीमा के पास जाने से रोका
गुवाहाटी: असम पुलिस ने मिजोरम से लगती राज्य की सीमा पर बुधवार को कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को जाने से रोक दिया. अंतर राज्यीय सीमा पर हाल में हिंसक झड़प हुई थी. पुलिस ने कहा कि किसी को भी सीमा के पास जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि अब वह अशांत क्षेत्र बन गया है.
सोमवार को विवादित सीमा पर हुई झड़प में असम पुलिस के छह कर्मियों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी तथा एक पुलिस अधीक्षक सहित 80 अन्य लोग घायल हो गए थे. कांग्रेस की राज्य इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेन बोरा के नेतृत्व में गए पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को अंतर राज्यीय सीमा से आठ किलोमीटर दूर कछार जिले के धोलाई पुलिस थाने के पास रोक दिया गया.
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इसके विरोध में पार्टी के नेता कुछ देर तक सड़क पर बैठे रहे. बोरा के अलावा, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव, कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया, विधानसभा में उप नेता रकीबुल हुसैन और कार्यकारी अध्यक्ष कमलाख्या डे पुरकायस्थ प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे. पुरकायस्थ, बराक वैली में करीमगंज उत्तर की सीट से विधायक हैं.
हम चाहते हैं सरकार की मदद करना
बोरा ने धोलाई में संवाददाताओं से कहा कि हम यहां अंतर राज्यीय सीमा पर स्थिति का जायजा लेने के लिए आए हैं ताकि इससे निपटने में सरकार की मदद कर सकें और लोगों को हकीकत बता सकें. उन्होंने कहा कि सीमा के नजदीक कांग्रेस नेताओं को नहीं जाने देने के निर्णय से प्रशासन के उन दावों पर संदेह उत्पन्न होता है कि स्थिति नियंत्रण में है और असम की एक इंच भूमि पर भी अवैध कब्जा नहीं किया गया है.
कहा कि हम भारत-पाकिस्तान की सीमा पर नहीं जा रहे हैं बल्कि अपने देश में पड़ोसी राज्य की सीमा पर जा रहे हैं. हमें अंतर राज्यीय सीमा पर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि हम देख सकें कि असम की जमीन सुरक्षित है.' सैकिया ने दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल ने कछार के जिला प्रशासन को लैलापुर की यात्रा के बारे में जानकारी दी थी, जिस पर पहले सहमति जताई गई थी लेकिन आज उन्हें जाने नहीं दिया गया. कछार की पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर ने कहा कि किसी को भी सीमा के पास जाने नहीं दिया जाएगा, क्योंकि वह अब अशांत क्षेत्र बन गया है.