नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस फैसले को मंगलवार को बरकरार रखा, जिसमें सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी की कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में फिर से नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश कानूनी व तथ्यात्मक रूप से सही है और इसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.
अदालत ने कहा कि राज्य पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के अनुमोदन की आवश्यकता वाले खंड को समाप्त नहीं कर सकता. राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 सितंबर को कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति के तौर पर सोनाली चक्रवर्ती की पुनर्नियुक्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार ऐसा करना पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र की जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि 27 अगस्त 2021 को विशेष सचिव द्वारा जारी किया सरकारी आदेश कानूनी रूप से सही नहीं है. पूर्व छात्र ने कुलपति की नियुक्ति को अदालत में चुनौती दी थी.'