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हाईकोर्ट ने हेडमास्टर 'साहब' के स्कूल जाने पर लगा दी रोक

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Published : May 13, 2022, 9:48 PM IST

कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने स्कूल के एक मामले में सुनवाई के दौरान प्रधानाध्यापक के ही स्कूल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं प्रधानाथ्यापक स्कूल में किसी तरह अंदर ना जा सकें, इसके लिए दो हथियारबंद पुलिसकर्मियों को स्कूल में तैनात करने का भी आदेश दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

Calcutta High Court
कलकत्ता उच्च न्यायालय (फाइल फोटो)

कोलकाता :कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने उत्तर 24 परगना के पल्लीमंगल स्कूल के मामले में सुनवाई के दौरान प्रधानाध्यापक के स्कूल में 8 जून तक प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दो हथियारबंद पुलिसकर्मियों की संबंधित स्कूल में तैनाती रहेगी, ताकि प्रधानाध्यापक स्कूल में प्रवेश न कर सकें. उत्तर 24 परगना के गोबरदंगा के रहने वाले राजू जाना 2013 से स्कूल में अंग्रेजी पढ़ा रहे हैं. लेकिन प्रधानाध्यापक शेख सफी आलम ने बिना किसी कारण के उनका दो साल (दिसंबर 2018 से दिसंबर 2020 तक) से वेतन रोक लिया.

इसको लेकर प्रधानाध्यापक ने तर्क दिया कि अंग्रेजी के शिक्षक राजू जाना कई बार स्कूल में अनुपस्थिति रहे. प्रधानाध्यापक के अनुसार राजू जाना को कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि, संबंधित अंग्रेजी शिक्षक के अनुसार, प्रधानाध्यापक ने बिना कोई कारण बताए स्कूल के तीन या चार और शिक्षकों का वेतन रोक दिया.

यह मामला हाई कोर्ट में जब अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच के सामने आया तो जस्टिस ने प्रधानाध्यापक से पूछा, आपने दिसंबर 2018 से दिसंबर 2020 तक शिक्षक का वेतन क्यों रोक रखा है? क्या स्कूल आपकी जमींदारी है? क्या आप वेतन का भुगतान करते हैं? यह सुनते ही प्रधानाध्यापक शेख सफी आलम रो पड़े और उन्होंने तुरंत हाथ जोड़कर जज से माफी मांगी और माफ करने का अनुरोध किया.

हालांकि प्रधानाध्यापक न्यायालय में जिला विद्यालय निरीक्षक का कोई दस्तावेज या कोई निर्देश नहीं दिखा सके जिसके आधार पर उन्होंने वेतन रोके जाने का निर्देश दिया. वहीं शिक्षक राजू जाना ने कोर्ट को बताया कि प्रधानाध्यापक क्षेत्र में इतने प्रभावशाली हैं कि उन्होंने मुझे गोली मारने की धमकी भी दी. उन्होंने मुझे 1000 छात्रों को मध्याह्न भोजन में खिलाने और मेरी नोटबुक में 3000 दिखाने के लिए भी कहा, जिसे मैंने मना कर दिया. इसलिए मेरे अलावा उन्होंने तीन और शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया था.

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जाना ने कहा, प्रधानाध्यापक ने उनकी जगह दूसरे शिक्षक को रख लिया जिससे उन्हें वेतन नहीं मिला. साथ ही उन्होंने बताया कि उपस्थिति रजिस्टर में व्हाइटनर लगाकर छेड़छाड़ की गई थी. जाना ने कहा कि प्रधानाध्यापक ने छात्रों से अतिरिक्त दान भी लिया.

सभी बयानों के सुनने के बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने पीड़ित और आरोपी को 18 मई को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने प्रधानाध्यापक को 8 जून तक स्कूल में प्रवेश करने पर रोक लगाने का निर्देश बारासात अधीक्षक को निर्देश दिया. इसके अलावा उन्होंने स्कूल में दो हथियारबंद पुलिसकर्मियों को तैनात करने के लिए कहा है जिससे प्रधानाध्यापक स्कूल में अंदर ना जा सकें.

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