कोलकाता:कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले (Bengal Job Scam) में सीबीआई (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच कराने के एकल पीठ के आदेश को शुक्रवार को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने एकल पीठ को जांच की निगरानी करने का निर्देश भी दिया.
न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में कथित अनियमितताओं की सीबीआई द्वारा जांच कराने के आदेश को बरकरार रखते हुए खंडपीठ ने कहा कि मामले में धन के लेन-देन की जांच जरूरत पड़ने पर की जाएगी. अदालत ने निर्देश दिया कि 'पश्चिम बंगाल प्राइमरी स्कूल बोर्ड' से चुनिंदा रूप से एक अतिरिक्त अंक का लाभ पाने वाले 269 लोगों को उनकी नौकरी से हटाने का एकल पीठ का आदेश, एकल पीठ के समक्ष मामले के निपटारे तक बरकरार रहेगा.
बता दें, पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (WBBPE) द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के जरिए 2011 से पश्चिम बंगाल में की जाने वाली सभी प्राथमिक शिक्षकों की भर्तियां केंद्रीय एजेंसियों जैसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं. ईडी और सीबीआई मामले की जांच कर रही हैं. ईडी के सूत्रों ने कहा कि उनके अधिकारी 2011 के बाद से टीईटी के माध्यम से की गई भर्ती की प्रत्येक फाइल की जांच करेंगे और यह पता लगाएंगे कि क्या नियुक्तियों में अनियमितता हुई थी.
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि जिन 381 व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया था, उनमें से 222 को साक्षात्कार और व्यक्तित्व परीक्षण के बिना भी भर्ती किया गया था, क्योंकि उनमें से कोई भी लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुआ था. शेष 159, हालांकि लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए, अन्य की योग्यता सूची में पीछे थे। सीबीआई के अनुसार, पूरी अनियमितता भट्टाचार्य के डब्ल्यूबीएसएससी के अध्यक्ष के रूप रहते हुई थी.
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