नई दिल्ली :15वें वित्त आयोग ने रक्षा बजट और आंतरिक सुरक्षा के लिए अनुमानित आवंटन और वास्तविक सुरक्षा के बीच अंतर को पाटने के लिए रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक फंड के गठन की सिफारिश की है.
मंगलवार को संसद में पेश संसदीय रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित एनएलडीएमएफ, सशस्त्र बलों के लिए रसद और उपकरणों की खरीद के लिए बनाया जाएगा. भारत में मेक-इन-इंडिया पहल से केवल आम बजटीय आवंटन के लिए यह कार्य करेगा. एनएलडीएमएफ के प्रस्ताव में कहा गया है कि फंड को रक्षा भूमि के विमुद्रीकरण के हिस्से की आय के साथ जमा किया जाना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन जमीनों पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मॉडल रोजगार और आय सृजन की सुविधा प्रदान की जाएगी. जो देश के समग्र विकास और विकास को बढ़ावा देने के लिए है.
जमीन के लिए अलग तंत्र
प्रस्तावित एनएलडीएमएफ को संचालित करने के लिए लागू सुरक्षा प्रोटोकॉल को पूर्वाग्रहित किए बिना रक्षा भूमि का उपयोग करने के लिए एक अलग तंत्र बनाया जाएगा. जबकि विमुद्रीकरण से पूरी आय को शुरू में समेकित निधि में जमा किया जाएगा. इस तरह की आय का 50 प्रतिशत संसद द्वारा अनुमोदित अनुदानों की मांग के माध्यम से एनएलडीएमएफ के पास जाएगा. जबकि रक्षा भूमि विमुद्रीकरण से आय का 50 प्रतिशत शेष राशि सीएफआई में रखी जाएगी.