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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 157 सरकारी नर्सिंग कालेज खोलने को मंजूरी दी

पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने के अलावा राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति को मंजूरी दी गई. यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ( Union Health Minister Mansukh Mandaviya ) ने दी.

Union Health Minister Mansukh Mandaviya
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया

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Published : Apr 26, 2023, 9:41 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर 1570 करोड़ रूपये का खर्च आएगा. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ( Union Health Minister Mansukh Mandaviya ) ने यह जानकारी दी. मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

उन्होंने कहा कि इसके तहत देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे तथा इन्हें अगले 24 महीने में पूरा करके राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए 1570 करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस फैसले का मकसद देश में नर्सिंग क्षेत्र के पेशेवरों की संख्या बढ़ाने के साथ गुणवत्तापूर्ण, वहनीय एवं समावेशी नर्सिंग शिक्षा प्रदान करना है.

मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति को भी मंजूरी दे दी जिसका मकसद देश में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को प्रोत्साहित करना एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है. इस बारे में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई. उन्होंने बताया कि इस नीति में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को लेकर छह सूत्री रणनीति तैयार की गई है तथा इसे लागू करने के लिए कार्य योजना भी तैयार की गई है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के अगले पांच वर्षों में वर्तमान 11 अरब डालर (करीब 90 हजार करोड़ रूपये) से बढ़कर 50 अरब डालर होने की उम्मीद है. ऐसे में यह आशा की जाती है कि यह नीति पहुंच, वहनीयता, गुणवत्ता एवं नवोन्मेष के लोक स्वास्थ्य उद्देश्यों को पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि देश में 75 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों का आयात किया जाता है. इस स्थिति में देश में ही चिकित्सा उपकरण बनाएं जाएं, जरूरत को पूरा किया जा सके और निर्यात भी हो, इसके लिए समग्र प्रयास किये जाने की जरूरत महसूस की गई.

मांडविया ने कहा कि इससे देश में चिकित्सा उपकरणों का नियमन समग्र दृष्टिकोण के आधार पर करने में मदद मिलेगी. ज्ञात हो कि पिछले वर्ष सरकार ने मसौदा राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2022 को विचार विमर्श के लिए जारी किया था.

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(पीटीआई-भाषा)

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