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Cabinet Approval: फोर्टिफाइड चावल वितरण को मंजूरी, गरीबों को कुपोषण से बचायेगा - सार्वजनिक वितरण प्रणाली

केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) ने सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी (Fortified rice in all Government Schemes) दे दी है. एफसीआई और राज्य एजेंसियों ने आपूर्ति और वितरण के लिए पहले ही 88.65 एलएमटी फोर्टिफाइड चावल की खरीद कर ली है.

Cabinet Approval
फोर्टिफाइड चावल

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Published : Apr 8, 2022, 5:23 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 15 अगस्त 2021 को घोषणा की थी कि विभिन्न योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल (Fortified rice) वितरित किया जायेगा. कैबिनेट ने लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी (Fortified rice in all Government Schemes)दे दी है.

कुपोषण से बचाव:कैबिनेट ने सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दी. फोर्टिफिकेशन देश के हर गरीब व्यक्ति को कुपोषण और महिलाओं, बच्चों, स्तनपान कराने वाली माताओं में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए पोषण प्रदान करेगा. राइस फोर्टीफिकेशन राइस मिलों में किया जायेगा जो प्रक्रिया को किफायती बनायेगा. पहले चरण में पीएम पोषण और आईसीडीएस योजनाओं के तहत अब सभी आंगनबाड़ियों और स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिये फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की जायेगी.

कैबिनेट की मंजूरी:कैबिनेट ने सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दी. चावल के फोर्टिफिकेशन की पूरी लागत (लगभग 2700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष) भारत सरकार द्वारा वहन की जायेगी. कैबिनेट ने AIM to Innovate के विस्तार को मंजूरी दी. इसके तहत 10000 अटल टिंकरिंग लैब्स, 101 अटल इंक्यूबेशन सेंन्टर, 50 अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र स्थापित किये जायेगें.

यह भी पढ़ें- देशभर में 2023 तक की जाने लगेगी फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति: मंत्री चौबे

कैबिनेट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड और वित्तीय नियामक आयोग मंगोलिया के साथ द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी. कैबिनेट ने सरकारी कंपनियों को बिना किसी जुर्माने के गैर-परिचालन कोयला खदानों को सरेंडर करने के लिये वन-टाइम विंडो देने की मंजूरी दी. मौजूदा नीलामी पॉलिसी के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ कई कोयला खदानों को जारी और नीलाम किये जाने की संभावना है.

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