दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सीएए हमारे लिए मददगार नहीं, यहां हिंदू पहले से ज्यादा सुरक्षित: बांग्लादेशी हिंदू नेता - Citizenship Amendment Act CAA

बांग्लादेश में रह रहा हिंदू समुदाय भारत में लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं है और वह इस कानून को अधिक मददगार नहीं मानता. यहां हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता और महानगर सर्वजन पूजा समिति के अध्यक्ष मोनिंदर कुमार नाथ ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा और शेख हसीना सरकार भी इस दिशा में कदम उठा रही है.

सीएए हमारे लिए मददगार नहीं, यहां हिंदू पहले से ज्यादा सुरक्षित: बांग्लादेशी हिंदू नेता
सीएए हमारे लिए मददगार नहीं, यहां हिंदू पहले से ज्यादा सुरक्षित: बांग्लादेशी हिंदू नेता

By

Published : Jun 11, 2022, 12:18 PM IST

ढाका : बांग्लादेश में रह रहा हिंदू समुदाय भारत में लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं है और वह इस कानून को अधिक मददगार नहीं मानता. यहां हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता और महानगर सर्वजन पूजा समिति के अध्यक्ष मोनिंदर कुमार नाथ ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा और शेख हसीना सरकार भी इस दिशा में कदम उठा रही है. नाथ ने दावा किया कि शेख हसीना के शासन में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि इस संबंध में और अधिक कदम उठाए जाने की जरूरत है. गौरतलब है कि पिछले साल ब्राह्मणबारिया और कुमिल्ला में सांप्रदायिक घटनाओं की शुरुआत हुई थी और ये चटगांव तक फैल गई थी. इस दौरान दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाया गया था.

पढ़ें: Indian Navy MILAN 2022 : 'सिटी ऑफ डेस्टिनी' में जुटे फ्रांस, बांग्लादेश, श्रीलंका और वियतनाम के नौसैनिक

नाथ ने दावा किया कि शेख हसीना सरकार द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों और कार्रवाई के कारण स्थिति में सुधार देखा जा रहा है.नाथ ने बताया कि सरकार के उपायों के चलते पिछले 12 सालों में देश में दुर्गा पूजा पंडालों की संख्या 15 हजार से बढ़कर 30 हजार के करीब हो गई है. महानगर सर्वजन पूजा समिति हिंदुओं के धार्मिक मामलों का एक केंद्रीय निकाय है जो बांग्लादेश में समुदाय के सदस्यों को दुर्गा पूजा उत्सव की इजाजत प्रदान करता है.नाथ ने कहा कि पिछले कुछ सालों में शेख हसीना सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मामलों में बेहद शानदार कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से यहां होने वाली घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकी है.

उन्होंने कहा कि इसका समुदाय के सरकारी संस्थानों में प्रतिनिधित्व पर असर हुआ है और पहले के मुकाबले अब अफसरशाही में हमारी तादाद बढ़ी है. उन्होंने यह भी कहा 'अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. एक अल्पसंख्यक मंत्रालय और अल्पसंख्यक आयोग की हमारी मांग को अभी पूरा किया जाना है. अपने इस अधिकार के लिए हम आवाज उठा रहे हैं.'उन्होंने कहा कि इसके जरिये हम अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा कर सकेंगे. नाथ ने कहा कि उनके एजेंडे में अलग अल्पसंख्यक मंत्रालय और अल्पसंख्यक आयोग की मांग है और उनका पूरा प्रयास है कि अगले साल होने वाले चुनाव के बाद उनके समुदाय को यह मंत्रालय/ आयोग मिल जाए.गौरतलब है कि हसीना सरकार में धार्मिक मामलों का मंत्रालय है, लेकिन अल्पसंख्यक मामलों का अलग मंत्रालय नहीं है. धार्मिक मामलों का मंत्रालय देश में मस्जिद, मंदिर, चर्च, पैगोड़ा और गुरुद्वारों की देखभाल करता है.

पढ़ें : बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन में तैनात कॉन्स्टेबल ने ली महिला की जान, फिर खुदकुशी कर

भारत सरकार द्वारा लाए गए सीएए कानून को लेकर नाथ ने कहा कि हमें इसकी जरूरत नहीं है, यह हमारा देश है और हम यहीं पर रहकर अपने अधिकारों को हासिल करेंगे. गौरतलब है कि भारत सरकार 2019 में नागरिकता संशोधन कानून लेकर आई थी और इसका उद्देश्य बांग्लाादेश, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में अत्याचारों का शिकार अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करना है. नाथ ने कहा कि शेख हसीना सरकार बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के हितों के लिए कार्य कर रही है. सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि ढाका में स्थित ढाकेश्वरी मंदिर को उसकी पूर्व में कब्जाई गई जमीन वापस मिल सकी है. उन्होंने कहा कि मंदिर को करीब 1.5 एकड़ जमीन उसके विस्तार के लिए मिली है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details