वडोदरा (गुजरात): रक्षा अधिकारी ने जानकारी दी है कि भारतीय वायु सेना के लिए C-295 परिवहन विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा-एयरबस द्वारा निर्मित किया जाएगा. इसके लिए वडोदरा में एक उत्पादन प्लांट स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा रक्षा सचिव ने कहा कि 40 विमान बनाने के अलावा, गुजरात के वडोदरा में यह फेसेलिटी वायु सेना की आवश्यकताओं और निर्यात के लिए अतिरिक्त विमानों का निर्माण करेगी.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि पीएम मोदी 30 अक्टूबर को गुजरात के वडोदरा में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखेंगे. उन्होंने कहा कि यह उच्चतम स्वदेशी सामग्री में से एक होगा. भारत में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 तक की जाएगी. पहले 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे.
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भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह ने कहा कि भारतीय वायु सेना अंततः इस C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की सबसे बड़ी परिचालक बन जाएगी. रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि 'पहली बार सी-295 विमान का निर्माण यूरोप के बाहर किया जाएगा.' पिछले साल सितंबर में भारत ने वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों के स्थान पर 56 सी-295 परिवहन विमान की खरीद के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ करीब 21,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
इस परियोजना के तहत पहली बार किसी निजी कंपनी द्वारा सैन्य विमान का निर्माण भारत में किया जाना है. समझौते के तहत, एयरबस चार साल के भीतर सेविले, स्पेन में अपनी अंतिम असेंबली लाइन से उड़ान की स्थिति में पहले 16 विमान की आपूर्ति करेगी और बाद में 40 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) द्वारा निर्मित और असेंबल किए जाएंगे.
यह निर्माण दोनों कंपनियों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी के हिस्से के रूप में होगा. महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के लिए नियामकीय अनुमोदन वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्यूए) द्वारा पिछले सप्ताह प्रदान किया गया था.
(एक्स्ट्रा इनपुट-भाषा)