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मैनपुरी लोकसभा और पांच राज्यों में विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव, ऐसा रहा मतदान

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट के अलावा पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के साथ ही प्रत्याशियों को भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया. हालांकि इनमें सबसे प्रतिष्ठित सपा की परंपरागत मैनपुरी सीट पर सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. इसके अलावा रामपुर सदर व खतौली विधानसभा सीट पर भी लोगों की निगाहें टिकी हैं. इसी तरह ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर भी मतदान हुआ

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Published : Dec 5, 2022, 10:15 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 10:27 PM IST

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नई दिल्ली :उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट के अलावा पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के सोमवार को मतदान किया गया. मैनपुरी में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विरासत के साथ ही साथ समाजवादी पार्टी का सबकुछ दांव पर लगा है. गौरतलब है कि मुलायम सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी. इसके बाद इस लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है. इसके अलावा यूपी की रामपुर सदर व खतौली, ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर भी मतदान हुआ. इन सीटों के नतीजे भी आठ दिसंबर को आएंगे.

उत्तर प्रदेश : मैनपुरी लोकसभा सीट को लेकर सपा और भाजपा में कांटे की टक्कर - मैनपुरी लोकसभा सीट के अलावा उत्तर प्रदेश में रामपुर सदर एवं खतौली विधानसभा सीट में बीजेपी और सपा-राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. मैनपुरी लोकसभा के लिए 51.89 जबकि विधानसभा में रामपुर में 31.22 और खतौली में 54.50 प्रतिशत मतदान हुआ. उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर और खतौली सीट पर सपा विधायक आजम खान तथा बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था. आजम खान को 2019 के अभद्र भाषा मामले में एक अदालत द्वारा तीन साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वहीं सैनी ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में उनकी सजा के ऐलान के बाद विधानसभा की सदस्यता खो दी थी. मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में मुलायम सिंह की बहू एवं अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है. शाक्य मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव के विश्वासपात्र रह चुके हैं.

राजस्थान : सरदारशहर विधानसभा सीट में 72.09 फीसदी मतदान -राज्य के चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 72.02 फीसदी के लगभग मतदाताओं ने वोट डाले. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मतदान शांति पूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. राज्य निर्वाचन विभाग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए हैं. कहीं पर भी किसी तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है. विधानसभा क्षेत्र सरदारशहर में कुल 10 प्रत्याशियों के लिए मतदान हुआ. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि इन चुनाव में मतदाताओं में भारी उत्साह देखने को मिला है. 80 से 100 वर्ष के मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. वहीं दिव्यांगों ने भी अपने मताधिकार के इस्तेमाल में कोई कमी नहीं छोड़ी. यह सीटकांग्रेस विधायक विधायक भंवर लाल शर्मा (77) के पास थी, जिनका लंबी बीमारी के बाद नौ अक्टूबर को निधन हो गया था. कांग्रेस ने वहां शर्मा के बेटे अनिल कुमार को मैदान में उतारा है, जबकि पूर्व विधायक अशोक पिंचा बीजेपी के उम्मीदवार हैं. आठ अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं.

बिहार : कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव-बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में सोमवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे. इस उप चुनाव में करीब 58 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले. ठंड के बावजूद कई मतदान केंद्रों पर सुबह ही मतदाता पहुंच गए, इस कारण कई मतदाताओं की लंबी कतार देखी गई. निर्वाचन आयोग के मुताबिक, कुढ़नी उपचुनाव में 57.90 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने - अपने मताधिकार का प्रयोग किया. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में करीब 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस बीच, कहीं से बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. आयोग के मुताबिक, उपचुनाव के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. क्षेत्र के करीब 3.11 लाख मतादाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए 320 मतदान केंद्र बनाए गए थे. कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और निर्दलीय कुल 13 उम्मीदवार हैं, जो इस चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं. इस क्षेत्र में मतदाताओं ने सुबह 7 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से चुनावी मैदान में उतरे मनोज कुशवाहा और भाजपा के प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है.

हालांकि, मुकेश सहनी की वीआईपी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के उम्मीदवार भी मैदान में हैं. मुकेश सहनी ने नीलाभ कुमार को मैदान में उतारा है, जबकि एआईएमआईएम ने मुर्तजा अंसारी को चुनावी मैदान में उतारा है. उल्लेखनीय है कि राजद के विधायक अनिल सहनी के एक मामले में अदालत द्वारा सजा दिए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी, जिस कारण यह सीट खाली हो गई थी.

ओडिशा : पदमपुर सीट के लिए उपचुनाव में करीब 76 प्रतिशत मतदान-ओडिशा के बारगढ़ जिले की पदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार को शाम पांच बजे तक कुल 2.57 लाख मतदाताओं में से करीब 76 प्रतिशत ने अपने मताधिकर का इस्तेमाल कर लिया था. ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस. के. लोहानी ने कहा, 'पूरे पदमपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है.' पदमपुर सीट पर 2.57 लाख से अधिक लोगों के पास मताधिकार है, जिनमें 12 लोग ट्रांसजेंडर समुदाय के हैं. अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव के लिए कम से कम 1,400 पुलिस कर्मियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की नौ टुकड़ियों को तैनात किया गया. इस सीट पर 10 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस बार मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल ने दिवंगत विधायक बिजय रंजन सिंह बरिहा की बेटी बर्षा सिंह बरिहा को टिकट दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व विधायक एवं पार्टी के कृषक मोर्चा के अध्यक्ष प्रदीप पुरोहित को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने सत्य भूषण साहू को उम्मीदवार बनाया है.

छत्तीसगढ़ : नक्सल प्रभावित भानुप्रतापपुर उपचुनाव में 71.74 प्रतिशत मतदान -भानुप्रतापपुर में कुल वोटिंग 71.74 फीसदी हुई है, हालांकि इस बार मतदान में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अधिक मतदान किया है. नक्सलग्रस्त इलाकों की वजह से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. यहां से कांग्रेस की उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने वोट डालने के साथ ही पार्टी की जीत का दावा किया. वहीं भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम ने पत्नी के साथ मत डाला. उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों का आशीर्वाद मिल रहा है उससे जीत के लिए आश्वस्त हूं. वहीं सर्व आदिवासी समाज के समर्थित उम्मीदवार अकबर राम कोर्राम ने भी अपने मताधिकार करते हुए कांकेर में सर्व आदिवासी समाज की जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि अबकी बार आदिवासी समाज अपने हित के लिए वोट कर रहा है. आठ दिसंबर को नतीजे आने के बाद ही पता चल सकेगा कि आखिर किसे विजय मिलती है.

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Last Updated : Dec 5, 2022, 10:27 PM IST

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