मुंबई : महाराष्ट्र के अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना (उद्धव गुट) की उम्मीदवार रुतुजा लटके ने अपना परचम लहरा दिया है. उन्हें कुल वोटों में से 80 फीसदी से भी अधिक मत मिले. दूसरे स्थान पर यहां नोटा (NOTA) रहा. नोटा के तहत 15 फीसदी मत पड़े.
जीत के बाद रुतुजा ने कहा कि यह जीत उनके पति की जीत है, जो काम उन्होंने किया था, यह उसी का परिणाम है. उन्होंने कहा कि वह मातोश्री जाकर उद्धव ठाकरे का आशीर्वाद प्राप्त करेंगी.
उद्धव खेमे की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने शिंदे और भाजपा सरकार पर तंज कसा है. प्रियंका चतुवेर्दी ने अपनी उम्मीदवार को बधाई देते हुए शिंदे सरकार को खोटा और खोका की सरकार बताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा बधाई रुतुजा लटके जी! अंधेरी पूर्व उपचुनाव में शिवसेना के मशाल ने विशाल जीत दर्ज की है. इसलिए, खोटा प्लस खोका सरकार द्वारा आजमाई गई नोटा वोट की रणनीति विफल हो गई है.
दरअसल अंधेरी उपचुनाव में रुतुजा लटके के मुकाबले नोटा को दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा वोट मिले हैं. यही वजह है कि उद्धव खेमे की तरफ से आरोप लगाया जा रहा था कि अपना उम्मीदवार ना उतारने के बाद भी एकनाथ शिंदे और भाजपा सरकार द्वारा नोटा को वोट देने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा था.
इस साल मई में शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण संबंधित सीट पर आवश्यक हुए उपचुनाव के लिए तीन नवंबर को मतदान हुआ था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी दौड़ से अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेने से यह चुनाव महज औपचारिकता रह गया.
इससे पहले दसवें दौर की मतगणना के अंत में रुतुजा लटके को अब तक गिने गए 49,616 मतों में से 37,469 मत प्राप्त हुए. इस राउंड तक नोटा विकल्प के पक्ष में अब तक 7,556 वोट पड़े. छह अन्य निर्दलीय उम्मीदवार बहुत पीछे रह गए. नोटा मतदाताओं को चुनाव में किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं करने का विकल्प देता है. शिवसेना के रमेश लटके ने अंधेरी (पूर्वी) विधानसभा सीट का दो बार प्रतिनिधित्व किया था.
वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56 सीट पर जीत हासिल की थी. इस साल मई में रमेश लटके के निधन के कारण यह संख्या घटकर 55 रह गई थी. जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 शिवसेना विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार (एमवीए) गिर गई थी.
इसके बाद शिंदे भाजपा के साथ गठबंधन में मुख्यमंत्री बने. एमवीए सरकार के गिरने के बाद महाराष्ट्र में यह पहला चुनावी मुकाबला है. एमवीए के घटक दल-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस, दोनों ने ऋतुजा लटके की उम्मीदवारी का समर्थन किया है.
अंधेरी में पहले से यह कयास लगाए जा रहे थे कि मुकाबला नजदीकी नहीं होगा, क्योंकि भाजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा. यहां पर शिवसेना के रमेश लटके की मृत्यु के बाद सीट खाली हो गई थी. शिवसेना के उद्धव ठाकरे के धड़े ने लटके की पत्नी रुतुजा लटके को मैदान में उतारा था.
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(एक्स्ट्रा इनपुट- एजेंसी)