हैदराबाद :धान खरीद को लेकर केंद्र और तेलंगाना सरकार के बीच रस्साकशी के बीच, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की नेता कलवाकुंतला कविता ने बृहस्पतिवार को आगाह किया कि अगर किसानों की पूरी फसल नहीं खरीदी गई तो वे राष्ट्रीय राजधानी में विरोध करने को मजबूर होंगे. राजन्ना सिरसिल्ला जिला मुख्यालय के अंबेडकर चौराहे पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरने में मंत्री केटीआर राव, टीआरएस विधायक चेन्नामनेनी रमेश बाबू के अलावा विधान परिषद की सदस्य और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने भाग लिया.
मंत्री केटीआर ने जोर देकर कहा कि उनका संघर्ष तब तक नहीं रुकेगा जब तक कि पूरा यासंगी अनाज नहीं लिया जाता. राजन्ना सिरिसिला जिला मुख्यालय में अंबेडकर चौराहे पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरने में मंत्री केटीआर, विधायक चेन्नामनेनी रमेशबाबू, विधायक वेंकटरामरेड्डी और अन्य ने हिस्सा लिया.
इस अवसर पर मंत्री केटीआर ने कहा कि केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि किसानों को स्वयं धान नहीं लगाने का निर्देश दिया जाता है, तो वे राज्य के भाजपा नेताओं के खिलाफ धान लगाने के लिए लिए झंडा उठाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से एफसीआई के माध्यम से धान खरीदने की जिम्मेदारी लेने की मांग की है. टीआरएस ने धान खरीद को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. मंत्री ने कहा कि आज आम लोगों को पेट्रोल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पीएम मोदी ने आम लोगों की स्थिति के बारे में नहीं सोचा था, क्योंकि बीजेपी केवल कॉरपोरेट्स पर ध्यान केंद्रित करती है.
धान खरीद को लेकर टीआरएस का प्रदर्शन इसी क्रम में वित्त मंत्री हरीश राव ने कहा है कि मोदी सरकार के विरोध में तेलंगाना के किसानों के घरों पर काले झंडे फहराए जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है. मंत्री ने कहा कि वे तेलंगाना के किसानों से पूरा धान खरीदने के लिए केंद्र सरकार तक संघर्ष करेंगे. उन्होंने सिद्दीपेट जिला केंद्र में एक विरोध रैली में हिस्सा लिया.
वहीं विधान परिषद की सदस्य और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा कि केंद्र, तेलंगाना से उसना (सेला) चावल नहीं खरीदने के लिए तरह-तरह के बहाने बना रहा है और आरोप लगाया कि राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने तेलंगाना के किसानों से धान खरीदने के अपने वादे से पीछे हटने के लिए केंद्र सरकार पर भी हमला किया और कहा कि उसे राज्य से पूरी फसल खरीदनी चाहिए.
कविता ने कहा, 'तेलंगाना प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण उसना चावल का एक बड़ा हिस्सा उत्पादित करता है. केंद्र सरकार लगातार विभिन्न बहाने बनाकर केवल कच्चे चावल खरीदने की बात कर रही है और इस बात पर ध्यान नहीं दे रही कि उनके रुख का हमारे किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.' उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य में करीब 61 लाख किसान सड़कों पर उतर चुके हैं.
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कविता ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र ने किसानों की भावनाओं पर ध्यान नहीं दिया तो वे दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. हाल ही में किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसान एक बार फिर दिल्ली की सड़कों पर बैठते हैं, तो केंद्र सरकार को झुकना होगा और अंततः किसानों की बात सुननी होगी. कविता ने कहा, 'केंद्र सरकार को एक बार फिर किसानों के साथ टकराव की स्थिति नहीं बनानी चाहिए.' उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि खाद्यान्न भंडारण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है और पूरा बोझ राज्य सरकार पर डालना चाहती है.
केंद्र की भाजपा शासित सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कविता ने कहा कि एक तरफ वह किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है तो दूसरी तरफ वह किसानों की उपज नहीं खरीदना चाहती. उन्होंने कहा, 'इस साल के तीन महीने बीत चुके हैं, भाजपा सरकार बताए कि किसानों की आय कब दोगुनी होगी. हर दिन बढ़ती महंगाई के कारण किसानों की आय दोगुनी करना तो दूर, कर्ज और खर्च दोगुना जरूर हो गया है.' राज्य के साथ-साथ संसद में टीआरएस के नेता केंद्र से चावल की खरीदे जाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल कच्चे चावल की खरीद कर सकती है, न कि उसना चावल जो देश में बड़े पैमाने पर खपत नहीं होती है.