कानपुर : आयकर अफसरों ने शहर में पांच दिनों तक जिन नामचीन सोना-चांदी कारोबारियों व एक बिल्डर के 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की, उन कारोबारियों ने छापे की कार्रवाई से पहले अपने कई ट्रांजेक्शन फोन व लैपटॉप से डिलीट कर दिए थे. जब आयकर अफसरों की टीमें दस्तावेजों की जांच कर रही थीं, तो अफसरों को ट्रांजेक्शन डिलीट का शक हुआ. फौरन ही आला अधिकारियों ने दिल्ली-मुंबई बेंगलुरू से फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को बुलाया और जांच कराई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया. डिलीट किया गया पूरा डाटा रिकवर हो गया. इसके बाद कारोबारी लगातार फंसते चले गए और सामने आया कि कारोबारियों ने 600 करोड़ रुपये से अधिक राशि का बोगस लेनदेन किया. 200 करोड़ रुपये की अघोषित आय भी अफसरों की जांच में सामने आई है.
IT Department Raid : कारोबारियों ने ट्रांजेक्शन किए थे डिलीट, दिल्ली-मुंबई के फोरेंसिक एक्सपर्ट ने किए रिकवर
यूपी के कानपुर में आयकर विभाग के अधिकारियों ने 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान इनकम टैक्स विभाग को बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी सामने आई है.
हार्डडिस्क से खुलेंगे कई और राज :आयकर अफसरों को छापेमारी के दौरान कारोबारियों के पास से एक हार्ड डिस्क मिली है, जिससे अभी इस मामले से जुड़े कई और राज खुलेंगे. आयकर के एक आला अफसर ने बताया, कि 'हार्ड डिस्क में 20 से अधिक कारोबारियों के नाम सामने आए हैं, जिनसे अब एक-एक करके पूछताछ की जाएगी. वहीं, आयकर अफसरों ने कारोबारियों से बरामद 25 करोड़ रुपये से अधिक की ज्वैलरी व कैश को सीज कर दिया है.'
पूरे शहर व आयकर कार्यालय में दिनभर हुई चर्चा : आयकर अफसरों ने भले ही नामचीन सोना-चांदी व एक बिल्डर पर कार्रवाई खत्म कर दी हो, मगर पूरे शहर में व आयकर विभाग के कार्यालय में इस छापेमारी की चर्चा सभी की जुबां पर रही. तमाम आयकर अफसर तो कई दिनों की छुट्टी पर चले गए, वहीं, शहर के सर्राफा बाजार में कारोबारी एक दूसरे से लगातार फोन पर जानकारी लेते रहे.