दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सात दिन के भीतर कन्नड़ नेमप्लेट नहीं लगाने पर बिजनेस लाइसेंस रद्द होगा: बीबीएमपी नोटिस

Kannada nameplate : कर्नाटक की राजधानी में सभी व्यावसायिक दुकानों में कन्नड़ नेमप्लेट अनिवार्य कर दी गई है. बीबीएमपी ने 7 दिन के अंदर नेमप्लेट लगाने का नोटिस जारी किया है. Business license canceled, Kannada nameplate BBMP notice.

Tushar Girinath
मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 4, 2024, 10:18 PM IST

बेंगलुरु (कर्नाटक): बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने राजधानी में व्यावसायिक दुकानों में कन्नड़ नेमप्लेट लगाने को लेकर एक नया नियम बनाया है. बीबीएमपी ने अब 7 दिनों के भीतर नेमप्लेट लगाने का नोटिस जारी किया है. व्यावसायिक उद्यमों एवं दुकानों को कन्नड़ नेमप्लेट लगाने की सलाह दी है.

8 जोनल निगम अधिकारियों की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें नेमप्लेट 60 फीसदी कन्नड़ में होने की बात कही गई है. बीबीएमपी ने चेतावनी दी है कि अगर 7 दिनों के भीतर नेमप्लेट नहीं लगाई गई तो बिजनेस लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

'28 फरवरी तक कन्नड़ नेमप्लेट अनिवार्य':पिछले हफ्ते सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि अधिनियम में संशोधन करने और इस संबंध में एक अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि 28 फरवरी तक दुकानों की नेमप्लेट 60% कन्नड़ में इस्तेमाल की जानी चाहिए. उस दिन दुकानों के सामने कन्नड़ नेमप्लेट लगाने को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी.

पिछले हफ्ते, बीबीएमपी ने एक समयसीमा दी थी कि सभी व्यावसायिक दुकानों में कन्नड़ नेमप्लेट अनिवार्य रूप से लगाई जानी चाहिए. बीबीएमपी के अंतर्गत आने वाले सभी प्रकार के वाणिज्यिक आउटलेट के नेमप्लेट पर कन्नड़ भाषा का उपयोग अनिवार्य रूप से करने के लिए कर्नाटक डिफेंस फोरम की मल्लेश्वर आईपीपी हॉल में एक बैठक आयोजित की गई.

मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने जोनल आयुक्तों को निर्देश दिया कि जो लोग 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा का उपयोग नहीं करते हैं उन्हें समझाने के लिए एक पत्र दें और इसे तुरंत लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि शहर की मुख्य सड़कों और अंदर के इलाकों में वाणिज्यिक दुकानों, दुकान के सामने और व्यवसायों को सर्वेक्षण पूरा करना चाहिए. 15 जनवरी तक कन्नड़ भाषा की नेमप्लेट लगाने के लिए सहमति पत्र देना होगा. उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में किसी भी दबाव में आए बिना कन्नड़ भाषा का प्रयोग न करने वाले उद्यमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें

ABOUT THE AUTHOR

...view details