कुल्लू:हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में मार्च अप्रैल के माह में जहा जंगल लाल रंग के बुरांश के फूलों से सज जाते हैं तो वहीं, बुरांश के कई उत्पाद तैयार कर लोग भी अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं. ऐसे में अब कुल्लू में औषधीय गुणों से भरपूर और ठंडी तासीर होने के कारण विभिन्न रोगों में रामबाण माने जाने वाले बुरांश के फूल से तैयार शरबत में अब चीनी की जगह शहद मिठास घोल रहा है.
कुल्लू में मिल रहा शहद युक्त बुरांश शरबत: जी हां, चीनी से तैयार बुरांश के शरबत का स्वाद तो सभी ने लिया होगा, लेकिन चीनी की जगह शहद से बनाया शरबत कुल्लू (Honey Containing Buransh sharbat) में मिल रहा है. यह शरबत स्वास्थ्य के लिए भी (Benefits of Buransh juice) काफी लाभप्रद है. बुरांश हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में बहुत ज्यादा पाया जाता है. जिला कुल्लू की द देव नारायण मधुमक्खी पालन (THE Dev Narayan Beekeeping Committee Kullu) एवं दुग्ध उत्पादक सहकारी सीमित भाटकराल (रायसन) ने बाजार में बुरांश का ऐसा शरबत उतारा है, जिसमें चीनी बिल्कुल भी प्रयोग नहीं की गई है, बल्कि उसकी जगह सोसायटी की ओर से स्वयं तैयार किया गया शहद मिलाया है.
शहद मिश्रित बुरांश लोगों को आ रहा पसंद: सोसायटी की ओर से कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा के (Krishi Vigyan Kendra Bajaura) सहयोग से मिलकर तैयार यह शहद मिश्रित बुरांश के शरबत का नया फ्लेवर तैयार किया गया है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. सोसायटी के अध्यक्ष हेमराज ठाकुर और महासचिव वीर सिंह ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2013 में गठित 18 सदस्यीय सोसायटी दुग्ध उत्पादन के अलावा उद्यान विभाग से ट्रेनिंग लेकर मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू किया है. शहद का उत्पादन काफी हो रहा है, लेकिन खरीद कम होने के कारण तीन साल पहले सोसायटी ने शहद की खपत के लिए बुरांश के शरबत में चीनी की जगह इस्तेमाल करने का तरीका सोचा. इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा के विशेषज्ञ से इस बारे चर्चा की.
दो सालों तक हुआ परीक्षण: डॉक्टर चंद्रकांता सहित अन्य अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर वीरेंद्र शर्मा और डॉक्टर रमेश लाल के मार्गदर्शन (ट्रेनिंग लेकर) से सोसायटी के प्लांट में स्वयं शहद मिश्रित बुरांश का शरबत तैयार किया. दो सालों के परीक्षण के बाद, अब तीसरे साल बाजार (Buransh juice prepared with honey) में उतारा है. सोसायटी ने पिछले तीन माह में आठ क्विंटल शहद से तैयार तीन हजार बुरांश के शरबत की बोतल बेची हैं. ढालपुर मैदान में बीते माह आयोजित जिला रेडक्रास सोसायटी के मेले में लगाए स्टॉल में भी करीब सात से आठ सौ लोगों को निशुल्क शरबत पिलाया गया.