लखनऊ की धाकड़ बुलेट रानियां. देखें खबर लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की कुछ युवतियां में बुलेट रानी के नाम से मशहूर हैं. मोटरसाइकिल से रोमांचक यात्राओं की शौकीन और देश भर में सैर करने के लिए लखनऊ की इन युवतियों को चुनौतियों से डर नहीं लगता है. पहाड़ों के संकरे रास्ते, ढलानों, बारिश-भूस्खलन के खतरों को चीर कर इन युवतियों ने कई बार इतिहास रचा है. युवतियों का मानना है कि इस शौक को प्रोफेशन के तौर पर भी चुना जा सकता है.
लखनऊ की धाकड़ बुलेट रानियां.
लखनऊ के अंसल सिटी की रहने वाली स्वाति सिंह को बुलेट चलाना बेहद पसंद था. स्वाती का कहना है कि सड़कों पर जब धक-धक करते हुए बुलेट चलती हैं तो लोग एक लड़की को बुलेट चलाते देख हैरान रह जाते हैं. कोई बोलता है बहुत खूब. कोई बोलता है शानदार. कोई बोलता है कि वह भी अपनी बेटी को बुलेट चलाना सिखाएंगे. स्वाति ने बताया कि बड़ी बहन को बाइक चलाना पसंद था. उन्हीं को देखकर बाइक चलाने की इच्छा जागी. बचपन से ही मोटर साइकिल अच्छी लगती थी. छठी कक्षा में पहली बार दोस्तों से धक्का लगवाकर बाइक चलाई थी. अब अपनी बाइक से बद्रीनाथ, केदारनाथ, तुंगनाथ, सिलीगुड़ी समेत देश के कई दूरस्थ इलाकों की सैर कर चुकी हूं. मुझे स्पोर्ट्स बाइक चलाने का भी शौक है. एक बार सोलो ट्रैवल के दौरान सिलीगुड़ी गई थी, तब नेटवर्क दिक्कत के कारण गूगल मैप ने काम करना बंद कर दिया था. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस से लखनऊ का रास्ता पूछा तो वे हैरान रह गए. उन्होंने बुलेट रानी कहकर मेरा हौसला बढ़ाया और मुझे सही डायरेक्शन बताई.
लखनऊ की धाकड़ बुलेट रानियां. मां से मिली प्रेरणा : गरिमा कपूर
लखनऊ के गोमतीनगर में रहने वाली बुलेट रानी गरिमा कपूर ने बताया कि बुलेट चलाते समय बहुत से अलग-अलग रिएक्शन लोगों का देखने को मिलते हैं. कोई हौसला बढ़ाता है और तारीफ करता है. हालांकि बुलेट चलाते समय आत्मनिर्भर वाली फीलिंग आती है. मौजूदा समय में गरिमा लखनऊ विश्वविद्यालय से लॉ में पीएचडी कर रही हैं. गरिमा के परिवार में दो भाई एक बहन है. गरिमा की मां शीला कपूर खुद एक बाइक राइडर के साथ एथलीट भी हैं. गरिमा को मां से बुलेट चलाने की प्रेरणा और सीख मिली. गरिमा की मां दूसरी लड़कियों को भी बाइक और बुलेट चलाना सिखाती हैं. इसके लिए उन्होंने एक ग्रुप बना रखा है.
लखनऊ की धाकड़ बुलेट रानियां.
गरिमा ने बताया कि बुलेट चलाने का सिलसिला 2015 में शुरू हुआ था. घर में शुरुआत से ऐसा माहौल मिला कि मां से प्रेरणा लेते हुए बाइक चलानी सीखी. पहले बड़े भाई ने बाइक चलाने के गुर सिखाए. इसके बाद अब करीब 26 लड़कियों का ग्रुप बनाया है जो बाइक राइडर हैं. अब जब भी वह लखनऊ की सड़कों पर बाइक लेकर निकलती हैं तो कुछ लोग कहते हैं कि हम अपनी बेटी को भी आप ही की तरह बाइक चलाना सिखाएंगे. हालांकि कुछ लड़के एक लड़की को बाइक चलाता देख छेड़ने की कोशिश करते हैं. हालांकि आज तक किसी की भी हिम्मत नहीं हो पाई कि कोई उन्हें छेड़ सके, क्योंकि वह एक धाकड़ बाइक राइडर हैं.
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