इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के आनंद बधिर संगठन के द्वारा लगातार मूक बधिर (Deaf mute) को विशेष ट्रेनिंग देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कार्य किया जा रहा है. इसी कड़ी में बोलने और सुनने की कमजोरी को भूलाकर एक लड़की को नर्स तक के मुकाम पर पहुंचा दिया गया. इस नर्स को इंदौर पुलिस के डीआईजी मनीष कपूरिया ने सम्मानित करते हुए थाना प्रभारी को एक हॉस्पिटल में नौकरी लगवाने के निर्देश दिए हैं.
बुलबुल के सपनों को मिली उड़ान इंदौर के आनंद मंदिर संस्थान के संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित लगातार मूक बधिरों को अलग-अलग तरह के कौशल सिखाते हैं, जिससे की वह अपने पैरों पर खड़े हो सके. इन दोनों ने अपने संस्थान में रहने वाली 25 साल की बुलबुल पंजारे की प्रतिभा को पहचान और उसे नर्सिंग में बीएससी करवाया. बुलबुल ने बीएससी नर्सिंग में फर्स्ट क्लास नंबर से पास की और अपने ही कॉलेज में इंटर्नशिप भी कर रही है.
DIG ने किया सम्मानित
शहर की पहली मूक बधिर नर्स बनने की जानकारी जब इंदौर डीआईजी मनीष कपूरिया को लगी, तो उन्होंने तुकोगंज थाने पर एक सम्मान समारोह का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में बुलबुल को बुलाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान बुलबुल ने बताया कि नर्स बनना उसका सपना है और वह लोगों की सेवा करना चाहती है और उसे अच्छे हॉस्पिटल में नौकरी की आवश्यकता है.
DIG ने अस्पताल में नौकरी लगाने के दिए निर्देश
बुलबुल ने जब अच्छे अस्पताल में नौकरी करने की इच्छा जताई, तो डीआईजी मनीष कपूरिया (DIG Manish Karpuria) ने तत्काल थाना प्रभारी कमलेश शर्मा को निर्देश दिए कि निजी हॉस्पिटल में बुलबुल कि नौकरी की व्यवस्था की जाए. इस दौरान डीआईजी मनीष कपूरिया ने बुलबुल का सम्मान करते हुए उसे एक प्रशस्ति पत्र भेंट किया.
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देश की पहली महिला मूक बधिर नर्स
बुलबुल संभवत देश की पहली मूक बधिर नर्स है. बुलबुल पंजारे ने जिस तरह से कड़ी मशक्कत करते हुए इस मुकाम को हासिल किया है. वह काफी सुर्खियों में बना हुआ है. बता दें, बुलबुल ने पढ़ाई के लिए अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना किया. जब उन्हें पढ़ाई में दिक्कतें होती, तो वह रोजाना दो-दो घंटे अतिरिक्त पढ़ने लगी, इसके साथ जिस भी सवाल को लेकर उन्हें कंफ्यूजन होता तो फैकल्टी से उस सवाल का जवाब पूछती और फिर उस सवाल के जवाब को बार-बार पढ़ती थी.
कथक की प्रशिक्षित नृत्यांगना है बुलबुल
बुलबुल की मां संगीता पांजरे ने बताया कि उनकी बेटी नर्स बनना चाहती थी. उसके सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की. कई संस्थानों ने उसे ए़डमिशन देने से इनकार कर दिया. लेकिन एक संस्थान ने उसे एडमिशन दिया और बुलबुल ने अपने सपने को सच करके दिखाया. बुलबुल बचपन से ही काफी होशियार है. वह बचपन से काफी अच्छी चित्रकारी करती है, साथ ही वह कत्थक की प्रशिक्षित नृत्यांगना है और राष्ट्रपति भवन से लेकर संसद भवन तक में अपनी प्रस्तुति दे चुकी है.