नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने गुरुवार को कहा कि सरकार को आगामी बजट में रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था में व्यापक असमानता को पाटने पर ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने साथ ही कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए कर कटौती की ज्यादा गुंजाइश नहीं है. सुब्बाराव ने यह भी कहा कि अनुभव से पता चलता है कि संरक्षणवादी दीवारों के साथ निर्यात को बढ़ावा देने की नीति शायद ही कभी प्रतिस्पर्धी होती है, इसलिए आयात शुल्कों को घटाने की जरूरत है.
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'वृद्धि को गति देना हर बजट का मकसद होता है और इस बजट का भी यह उद्देश्य होना चाहिए. लेकिन, इस बजट में अर्थव्यवस्था में व्यापक असमानता को पाटने पर खासतौर से ध्यान देना चाहिए.'
'निम्न-आय वर्ग के लिए भारी संकट'
सुब्बाराव ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करने वाले निम्न-आय वर्ग के लिए भारी संकट पैदा कर दिया है, जबकि दूसरी ओर उच्च-आयवर्ग न केवल अपनी आमदनी बढ़ाने में सक्षम है, बल्कि वास्तव में उनकी बचत और संपत्ति बढ़ी है.
उन्होंने हाल में आई विश्व असमानता रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, 'इस तरह की व्यापक असमानता न केवल नैतिक रूप से गलत और राजनीतिक रूप से नुकसानदेह है, बल्कि इससे हमारी दीर्घकालिक वृद्धि संभावनाएं भी प्रभावित होंगी.'