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केरल विधानसभा बजट सत्र: विपक्षी दलों का बहिष्कार, विधानसभा अध्यक्ष का मांगा इस्तीफा

केरल विधानसभा बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा.

budget session of the kerala legislative assembly
हंगामेदार रहा केरल का बजट सत्र

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Published : Jan 8, 2021, 9:49 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ. बता दें, विपक्षी यूडीएफ ने तस्करी मामले में आरोपों से घिरे विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अभिभाषण का बहिष्कार किया. अभिभाषण में विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ टिप्पणियां की गई हैं.

खान ने विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार की नीतियों और जांच एजेंसियों की आलोचना वाले हिस्सों को भी पढ़ा.

राज्यपाल ने दो घंटा दस मिनट के अपने अभिभाषण में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार की योजनाओं के खिलाफ विभिन्न आरोपों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने 'संविधान में तय सीमा पार कर दी है'. उन्होंने केंद्र द्वारा पारित विवादित कृषि कानूनों की आलोचना की और कहा कि इससे नियंत्रित बाजारों का महत्व कम होगा तथा कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचेगा.

राज्यपाल ने खारिज की थी वाम सरकार की मांग

खान आमतौर पर केंद्र का खुलेआम समर्थन करने में हिचकते नहीं हैं, लेकिन राज्य सरकार की नीतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने भाषण में कहा कि इस तरह की स्थिति में 'सहयोगात्मक संघवाद अपना आशय खो देगा तथा महज नाम का रह जाएगा. खान ने कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए 23 दिसंबर को सदन की बैठक बुलाने की वाम सरकार की मांग को पहले खारिज कर दिया था. गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा ने पिछले दिनों एक प्रस्ताव पारित कर इन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की थी.

भाषण शुरू होते ही मचा हंगामा

राज्यपाल ने जैसे ही अपना अभिभाषण शुरू किया, वैसे ही कांग्रेस नीत यूडीएफ सदस्यों ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. विपक्षी विधायक पोस्टर और बैनर लेकर आए थे. विपक्षी विधायकों की नारेबाजी के बीच राज्यपाल ने ठीक समय पर संबोधन शुरू किया और वाम सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में उसके प्रदर्शन तथा उपलब्धियों के बारे में बताया. इस बीच नारेबाजी जारी रही तो राज्यपाल ने विपक्षी सदस्यों से से तीन बार अनुरोध किया कि वे उन्हें उनके संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करने का मौका दें. लेकिन नारे लगा रहे सदस्यों ने उनकी अपील अनसुनी कर दी.

आरिफ मोहम्मद खान ने निभाया कर्तव्य

इस पर राज्यपाल ने कहा कि मैं अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहा हूं. जब राज्यपाल अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहे हों तो उम्मीद की जाती है कि इसमें कोई अवरोध खड़ा नहीं किया जाए. बाद में प्रदर्शनकारी विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया और बाहर धरने पर बैठ गए. विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि विधानसभा अध्यक्ष पर इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं.

पढ़ें:भारत के छह राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले, केंद्र सरकार ने की पुष्टि

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्षों में, एलडीएफ सरकार ने कई वादे किए, लेकिन किसी को भी पूरा नहीं किया गया.उन्होंने कहा कि यूडीएफ पूरे सत्र के दौरान अपना विरोध जारी रखेगा. भाजपा की युवा शाखा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी विधानसभा अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग को लेकर एक मार्च निकाला. पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए 'वाटर कैनन' का इस्तेमाल किया. विधानसभा में भाजपा के एकमात्र सदस्य ओ राजगोपाल राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन में बैठे रहे.

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