नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु परिवर्तन के जोखिमों के भारत व अन्य देशों पर नकारात्मक असर को चिह्नित करते हुए कहा कि पुरानी प्रदूषण करने वाली गाड़ियों को हटाने के लिए और स्क्रैप करने के लिए अतिरिक्त धन दिया जाएगा. पॉल्यूटिंग व्हीकल के स्क्रैपिंग पॉलिसी के लिए पुरानी गाड़ियों से छुटकारा पाने के लिए फंड एलोकेट किया गया. फर्टिलाइजर के बैलेंस इस्तेमाल के लिए पीएम प्रणाम योजना.कौशल विकास योजना के तहत 3 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. 30 इंटरनेशनल स्किल सेंटर बनाए जाएंगे. कीटनाशक के लिए 10,000 बायो इनपुट सेंटर बनेंगे.
गोवर्धन स्कीम के तहत 500 नए अवषित से आमदनी सक्रिय के लिए 200 कंप्रेस्ड बायो गैस सम्मलित होगी, जिनमें कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपए होगी. लैब में बना हुआ हीरा सस्ता होगा, कस्टम ड्यूटी में छूट दी जाएगी. हम एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए सहयता देंगे. ऊर्जा परिवर्तन के लिए 35,000 करोड़ रुपये प्राथमिकता पूंजी; वायबिलिटी गैप फंडिंग पाने के लिए बैटरी स्टोरेज.
पुराने वाहनों को बदलने के लिए सहयता दी जाएगी. लोकल कम्युनिटी को अमृत धरोहर योजना के तहत वेट लैंड के विकास से जोड़ा जाएगा. वैकल्पिक फर्टिलाइजर के लिए नई स्कीम लॉन्च.
2022-23 में नेट जीरो कार्बन की प्रतिबद्धता में भारत के शामिल होने के बाद के पहले बजट में ऊर्जा में बदलाव और जलवायु कार्रवाई पर ध्यान दिया गया था. हालांकि ऊर्जा कुशलता, सततता और स्वच्छ तकनीक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बजट का उल्लेखनीय आवंटन नहीं किया गया था. बढ़ते ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी के इस्तेमाल को लेकर वित्त मंत्री ने कहा था कि हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने हेतु सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाएंगे.
सरकार की योजना थी कि यह 2022-23 के दौरान कुल बाजार उधारी का एक हिस्सा होगा. इससे जुटाए गए धन को सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लगाया जाना था जिससे अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता घटाने में मदद मिलती. वित्त मंत्री ने नवंबर 2021 में सीओपी26 क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में अपने राष्ट्रीय संबोधन में घोषित किया था कि भारत 2070 तक नेट कॉर्बन जीरो अर्थव्यवस्था बन जाएगा.