नई दिल्ली : सरकारी खजाने में प्रत्येक रुपये के लिए 58 पैसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से, 35 पैसे उधार और अन्य देनदारियों से आएंगे (borrowings and other liabilities). 2022-23 के बजट दस्तावेजों के अनुसार विनिवेश (disinvestment) जैसे गैर-कर राजस्व (non-tax revenue) से 5 पैसे और गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों (non-debt capital) से 2 पैसे आएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार, माल और सेवा कर (goods and services tax) प्रत्येक रुपये के राजस्व में 16 पैसे का योगदान देगा, जबकि निगम कर अर्जित किए गए प्रत्येक रुपये में 15 पैसे का योगदान देगा.
सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क से प्रति रुपये 7 पैसे और सीमा शुल्क से 5 पैसे कमाने पर भी विचार कर रही है. हर रुपये के संग्रह पर आयकर से 15 पैसे मिलेंगे. बजट 2022-23 के अनुसार, 'उधार और अन्य देनदारियों' से 35 पैसे संग्रह होगा. व्यय पक्ष पर, सबसे बड़ा परिव्यय घटक प्रत्येक रुपये के लिए 20 पैसे पर ब्याज भुगतान है, इसके बाद राज्यों के करों और शुल्कों में 17 पैसे का हिस्सा है. रक्षा के लिए आवंटन 8 पैसे रहा.
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च 15 पैसे, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 9 पैसे का आवंटन होगा. प्रत्येक रुपये में सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः 8 पैसे और 4 पैसे खर्च होंगे. अन्य खर्च पर एक रुपये में 9 पैसे सरकार खर्च करेगी.
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