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सेवानिवृत्ति के समय सीएम थे भट्टाचार्य फिर भी पेंशन की समस्या का नहीं हुआ समाधान : बुद्धदेव की साली

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री (former West Bengal chief minister) बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) की साली (sister-in- law) इरा बसु ने कहा कि (Ira Basu) जब वह राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूल से सेवानिवृत्त हुईं, तब भट्टाचार्य राज्य के मुख्यमंत्री थे. इसके बावजूद उनकी पेंशन समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

इरा बसु
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Published : Sep 16, 2021, 10:01 PM IST

कोलकाता :पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री (former West Bengal chief minister) बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) की साली (sister-in- law) इरा बसु ने गुरुवार को लुंबिनी अस्पताल (Lumbini hospital) से खरदा में अपने घर लौटने के बाद कहा कि (Ira Basu) जब उत्तर 24 परगना जिले के खरदा में राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूल से सेवानिवृत्त हुईं, तब भट्टाचार्य स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री थे. इसके बावजूद उनकी पेंशन समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उन्हें बुद्धदेव भट्टाचार्य या उनकी पत्नी मीरा भट्टाचार्य (Meera Bhattacharjee) से कोई शिकायत नहीं है, जो उनकी बहन हैं.

उन्होंने गुरुवार को कहा, 'मेरे मन में बुद्धदेव और मीरा दोनों के लिए गहरा सम्मान है. वे मेरे दिल के बहुत करीब हैं.'

हालांकि तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (Trinamool Congress's national general secretary) और अभिषेक बंदोपाध्याय ( Avishek Bandopadhyay) की ओर से आश्वासन मिलने के बाद अब उन्हें अपनी पेंशन की समस्या का समाधान होने का भरोसा है.

उन्होंने कहा, ' अभिषेक ने अपने लोगों को मुझसे मिलने के लिए अस्पताल भेजा. उन्होंने अभिषेक के आश्वासन से अवगत करा दिया है कि मेरी पेंशन की समस्या का जल्द ही समाधान कर दिया जाएगा.'

मंगलवार दोपहर खरदा स्थित अपने आवास पर लौटने के बाद उन्होंने कहा कि हालांकि साल्ट लेक (Salt Lake) में भी उनका एक घर है, लेकिन कुछ कारणों से वह वहां नहीं रह सकतीं.

मैं कभी किसी को नहीं बताऊंगी कि मैं सड़कों पर दिन-रात क्यों बिताती थी. यह एक निजी मामला है. यदि आवश्यक हो तो मैं इसे फिर से करूंगी.

इरा बसु ने कहा कि मुझे प्रताड़ित किया गया और धमकाया गया. मैं लगातार धमकी के कारण साल्ट लेक स्थित आवास से निकल गई. मेरा स्वाभिमान है. लेकिन मैं इसका ब्योरा नहीं दूंगी.

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बता दें कि जर्जर पोशाक वाली महिला से खरदा के लोग भली-भांति परिचित थे. इसके बाद भी उन्होंने सड़कों पर दिन-रात गुजारे, लेकिन कभी किसी से मदद नहीं मांगी. हालांकि उस समय सभी हैरान रह गए जब मीडिया ने उन्हें बुद्धदेव भट्टाचार्जी की साली के रूप में उनकी पहचान का खुलासा किया.

वह खरदा में राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रियनाथ स्कूल की सेवानिवृत्त शिक्षिका (Priyonath School in Kharda) हैं. उनके पास साल्ट लेक में एक निवास भी था. उनकी पहचान उजागर होने के बाद उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा था. फिलहाल वह फिट हैं.

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