जयपुर : कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के आदिवासियों को हिंदू न मानने के बयान का बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने तर्कों के साथ समर्थन किया है. ईटीवी भारत के साथ एक्सलूसिव इंटरव्यू में रोत ने आदिवासियों के लिए एक नए राज्य 'भील राज्य' की मांग तक कर डाली. साथ ही 'भील राज्य' के लिए इन्होंने चार राज्यों के अलग-अलग सीमाओं को भी नाप लिया है. धर्म से जुड़े सियासी बवाल के बीच बीटीपी विधायक ने कहा कि हम तो अपने पूर्वजों की मांग को दोहरा रहे हैं, इसमें गलत क्या है.
हिंदू नहीं है आदिवासी, विधायक ने दिए ये तर्क
भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत साफ तौर पर कहते हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं है और उसके लिए वे हिंदू विवाह अधिनियम 1955 का तर्क भी देते हैं. उनके अनुसार, इस अधिनियम के तहत आज तक आदिवासी समाज के किसी परिवार का तलाक नहीं हुआ. आप चाहें तो कोर्ट का रिकॉर्ड निकाल कर देख लीजिए या फिर सरकार के स्तर पर एक कमेटी बनाकर जांच करवा लीजिए. मतलब हिंदू अधिनियम आदिवासियों पर लागू नहीं होता है.
भाजपा बताए हिंदू वर्ण-व्यवस्था में कहां शामिल हैं आदिवासी
भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता आदिवासियों को हिंदू ही मानती हैं. लेकिन बीटीपी विधायक राजकुमार रोत कहते हैं कि यदि भाजपा आदिवासियों को हिंदू बताती है तो भाजपा के नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि हिंदू धर्म में जो वर्ण-व्यवस्था है, जिसमें ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय और शूद्र हैं, उनमें से किस वर्ण में आदिवासी समाज आता है.
'भील राज्य' की मांग है पुरानी
आदिवासी समाज के इन जनप्रतिनिधियों ने नए राज्य की मांग को पुरानी बताया है. राजकुमार रोत के अनुसार, आदिवासियों के पुरखे भी भील राज्य की मांग करते आ रहे हैं. इसके पीछे उनका तर्क है कि मानगढ़ धाम में जो हत्याकांड हुआ था, उस बारे में संबंधित कोर्ट ने भी यही कहा था कि ये लोग नए भील राज्य की मांग भी करते हैं.
बीटीपी विधायक के अनुसार भील और आदिवासी समाज चार राज्यों में प्रमुख रूप से बंटा हुआ है. इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान है. राजस्थान में बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़, वहीं महाराष्ट्र में नंदुरबार और नासिक, मध्य प्रदेश में झाबुआ और उसके आसपास का इलाका और गुजरात में राजस्थान बॉर्डर से लगता है कुछ इलाका शामिल है.
राजकुमार रोत के अनुसार, यही 'भील राज्य' की पट्टी है. राजकुमार रोत यह भी कहते हैं कि हम कोई अलग देश की मांग नहीं कर रहे, बल्कि राज्य की मांग कर रहे हैं. आजादी के बाद देश में कई नए राज्य बने हैं तो भील राज्य क्यों नहीं बन सकता.