लखनऊ :बसपा सरकार (Bsp Government) के दौरान बनाए गए दलित महापुरुषों (Dalit great men) के स्मारकों और पार्कों के रखरखाव के लिए तैनात 5300 कर्मचारियों के पीएफ खाते (PF Account) में करोड़ों का खेल हुआ है. यहां के कर्मचारियों की तनख्वाह से कटने वाले पीएफ को पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) बनाकर जमा करने की जगह उसकी एफडी करवाई गई और फिर उसे मिलीभगत करके तुड़वाया गया. इस तरह 10 करोड़ रुपये का गबन बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) के मैनेजर ने किया. यह सब कुछ 2018 में हुए एक आदेश का उल्लंघन करके किया गया, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों के वेतन से काटे जाने वाले अंश को उनका पीपीएफ अकाउंट बनवाकर उसमें जमा किया जाए. इसके बावजूद बैंकों से मिलने वाले कमीशन के लालच में स्मारक के वित्त एवं लेखा विभाग (Finance & Accounts Department) के अधिकारी आंखों में धूल झोंकते रहे और वेतन में की गई 48 करोड़ की कटौती की एफडी करवा दी. ऐसे में कर्मचारियों की गाढ़ी बचत के 10 करोड़ रुपये घोटालेबाजों की जेब में चले गए.
यह है पूरा मामला
स्मारक समिति में एफडी अकाउंट से 10 करोड़ का गबन किया गया. ऑडिट के दौरान यह पता चला कि जिस अकाउंट में करीब 48 करोड़ रुपये थे, उसमें अब केवल 38 करोड़ रुपये ही बकाया हैं. 10 करोड़ रुपये गायब हो चुके हैं. जांच के बाद यह पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा के जिस अकाउंट में यह रकम जमा थी, उससे निकालने के लिए एक पूरी साजिश रची गई. स्मारक समिति का एक फर्जी लेखाधिकारी खड़ा किया गया और एक अकाउंट बनाया गया. फिर, एक हवाई बैठक की गई और रुपये निकालकर दूसरे अकाउंट में जमा करवा दिए गए. हालांकि, ऑडिट में यह पूरा मामला पकड़ा गया. इस मामले में स्मारकों के प्रबंधक वित्त को सस्पेंड किया गया है और बाकी सारी एफडी का भी ऑडिट किया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि स्मारक के वित्त विभाग के अधिकारियों ने बैंकों से मिलने वाले एकमुश्त कमीशन के लालच में ये एफडी करवाई. हालांकि, गुरुवार को इस प्रकरण में बैंक मैनेजर और दो अज्ञात व्यतियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया था, जबकि स्मारकों के वित्त प्रबन्धक को निलंबित कर दिया गया था.