हैदराबाद: एक ओर समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं, जो अपनों को दरकिनार कर दूसरी पार्टियों से सपा में शामिल होने वालों को प्रत्याशी बना रहे हैं तो वहीं टिकट कटने से नाराज सपा नेताओं को अब बसपा ने सहारा देना शुरू किया है. दरअसल, सूबे में जारी चुनावी सरगर्मी के बीच दल बदल का खेल अपने चरम पर है. बसपा मुखिया मायावती के करीबियों को अपने साथ मिलाकर अखिलेश यादव ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं, बसपा ने भी सपा नेताओं को टिकट थमा सपा अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है. ऐसे में कई सीटों पर दलबदलू नेताओं ने मुकाबले को रोचक बना दिया है.
यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने को अखिलेश यादव ने जातीय आधार वाली छोटी सियासी पार्टियों से गठजोड़ करने के साथ ही दूसरी पार्टियों के प्रभावशाली नेताओं को अपने साथ मिलाया है. लेकिन इस बीच अखिलेश अपने पुराने वफादारों के बजाय दलबदल कर सपा में आने वाले नेताओं टिकट दे रहे हैं. यही कारण है कि सपा ने जिन नेताओं के टिकट काटे गए हैं, उन्हें अब बसपा अपना उम्मीदवार घोषित कर मुकाबले को रोचक बना रही है.
वहीं, समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले इटावा सीट पर पूर्व प्रत्याशी व सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के करीबी माने जाने वाले कुलदीप गुप्ता साइकिल से उतरकर हाथी पर सवार हो गए हैं. इटावा सदर विधानसभा सीट से सपा ने सांसद रहे राम सिंह शाक्य के बेटे सर्वेश शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाया है. जिसके बाद नाराज कुलदीप गुप्ता ने सपा छोड़ बसपा का दामन थाम लिया और बसपा ने उन्हें इटावा सदर से बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा है. ऐसे में यहां मुकाबला काफी रोचक हो गया है, क्योंकि कुलदीप गुप्ता ने इटावा के नगरपालिका चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी.
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इधर, मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे हाजी रिजवान का अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया है और उनकी जगह जियाउर्रहमान को टिकट दिया है. ऐसे में हाजी रिजवान भी अब सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं और उन्हें भी बसपा ने इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. ऐसे ही मुरादाबाद देहात सीट से सपा ने अपने विधायक हाजी इकराम कुरैशी का टिकट काटकर बसपा से आए नासिर कुरैशी को टिकट दिया है तो वहीं, हाजी इकराम सपा छोड़कर कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतर गए हैं.