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प. बंगाल विस में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के मुद्दे पर होगी चर्चा

केंद्र सरकार की ओर से सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के फैसले का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया है. जिसके बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला आज कोलकाता पहुंचे. वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा में 17 नवंबर को इस मुद्दे पर चर्चा होगी.

केंद्रीय गृह सचिव बीएसएफ सीमा मुद्दों पर चर्चा करने कोलकाता पहुंचे
केंद्रीय गृह सचिव बीएसएफ सीमा मुद्दों पर चर्चा करने कोलकाता पहुंचे

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Published : Nov 12, 2021, 6:39 PM IST

कोलकाता:पश्चिम बंगाल विधानभा में 17 नवंबर को अन्तरराष्ट्रीय सीमा से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फैसले पर चर्चा होगी. तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए घोष ने कहा कि यह फैसला कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में लिया गया.

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले की निंदा की थी और इसे देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप की कोशिश करार दिया था. गौरतलब है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है ताकि बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दिया जा सके. पहले यह दायरा अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के क्षेत्र तक था. इस बीच, राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को हावड़ा नगर निगम से अलग कर बाली नगरपालिका बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकें.

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला आज कोलकाता पहुंचे

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(C.M. MAMATA BANERJEE) ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के केंद्र के फैसले का विरोध किया है. उनके इस विरोध के बाद, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला आज कोलकाता में इस मुद्दे पर राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि भल्ला पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के साथ अपनी बैठक के दौरान सीमा पर बाड़ और सड़क परियोजनाओं, सीमा चौकियों और एकीकृत जांच चौकियों के निर्माण के लिए लंबित भूमि अधिग्रहण मामलों पर चर्चा करेंगे. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि बैठक के दौरान बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार पर भी चर्चा होगी.

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी आंतरिक सीमा में से, पश्चिम बंगाल पड़ोसी देश के साथ अपनी सीमा का 2,217 हिस्सा साझा करता है. इससे पूर्व, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने केंद्र के इस कदम पर अपना कड़ा विरोध दर्ज करते हुए 24 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी भेजा था और उनसे तत्काल हस्तक्षेप करने और आदेश वापस लेने की अपील की थी. अपने पत्र में बनर्जी ने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के केंद्र के फैसले से राज्य की कार्यकारी शक्ति में हस्तक्षेप होगा. 'राज्य का 37 प्रतिशत क्षेत्र इस आदेश से प्रभावित होगा.'

बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाशसिंह

बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा लिया गया फैसला स्वागत योग्य है. सिंह ने कहा, 'बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि एक बहुत जरूरी कदम था. इससे निश्चित रूप से राज्य पुलिस को अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले क्षेत्रों में होने वाले अपराधों से निपटने में मदद मिलेगी.' उन्होंने कहा कि इस फैसले से उन संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी.

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बीएसएफ अधिनियम की संशोधित अधिसूचना के अनुसार, इसके अधिकारी अब सीआरपीसी, पासपोर्ट अधिनियम और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए अधिकृत होंगे. बांग्लादेश के साथ पश्चिम बंगाल की सीमा के कुल 2,217 किलोमीटर हिस्से में से 1,638 किलोमीटर पहले ही बाड़ द्वारा कवर किया जा चुका है. पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों और नशीले पदार्थों की तस्करी के साथ-साथ मानव तस्करी एक नियमित घटना है. विडंबना यह है कि पंजाब सरकार ने भी बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के केंद्र के फैसले का विरोध किया है. पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को ऐसी अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया.

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