नई दिल्ली : बीएसएफ क्षेत्राधिकार (BSF Jurisdiction) पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने 2014 की अधिसूचनाओं में संशोधन किया है और असम, पंजाब और पश्चिम बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है.
गृह मंत्रालय ने कहा, त्रिपुरा राज्य के संबंध में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकार ने आशंका जताई है कि इस तरह के कदम से उनकी शक्तियों का अतिक्रमण होता है, लेकिन उनकी आशंका निराधार है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के विस्तार से सीमा पार अपराधों पर बेहतर और प्रभावी नियंत्रण होगा.
बीएसएफ क्षेत्राधिकार पर संसद में सरकार का जवाब इस प्रावधान के तहत कानून में बदलाव
सरकार ने कहा कि बीएसएफ अधिनियम में निर्दिष्ट उद्देश्यों के तहत किसी भी केंद्रीय बल के सदस्यों को शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करने का अधिकार दिए जाने संबंधी कानूनी प्रावधान में बदलाव किया जा सकता है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बीएसएफ अधिनियम, 1968 की धारा 139(1)(i) केंद्र सरकार केंद्रीय बलों से जुड़े कानूनों में बदलाव कर सकती है.
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बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसएफ क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर कहा था कि कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है, लेकिन क्षेत्राधिकार बढ़ने से टकराव की आशंका है. ममता बनर्जी ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से कहा है कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए बीएसएफ पूरी तरह आजाद है. ऐसे में संघीय ढांचे को अनावश्यक रूप से डिस्टर्ब नहीं किया जाए. उन्होंने बताया कि पीएम से बीएसएफ से जुड़े कानून को वापस लेने की बात कही है.
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इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को भारत-पाक सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने वाले केंद्रीय कानून पर फिर से विचार करें. प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में, चन्नी ने बीएसएफ के पहले वाले अधिकार क्षेत्र को बहाल करने का भी आग्रह किया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल 15 किमी तक सीमित था.
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद बीएसएफ क्षेत्राधिकार बढ़ाने के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल विधानसभा में गत नवंबर में प्रस्ताव पारित किया गया था. पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली की नियम संख्या 169 के तहत प्रस्ताव पेश किया था.
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संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा था, 'हम मांग करते हैं कि यह फैसला फौरन वापस लिया जाए, क्योंकि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने से देश के संघीय ढांचे पर प्रहार होगा.'