नई दिल्ली/कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (BSF) भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी सहित अन्य अपराधों को रोकने के लिए एक अनूठा प्रयोग कर रहा है, जिसके तहत वहां वह मधुक्खियों के छत्ते लगा रहा है. उसकी इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपने तरह की इस पहली योजना को बीएसएफ की 32वीं बटालियन ने नादिया जिले के सीमावर्ती इलाके में शुरू किया है, ताकि सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और स्थानीय लोगों को मधुमक्खी पालन से जोड़ा जा सके.
भारत और बांग्लादेश 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिसमें से 2,217 किमी लंबी सीमा पश्चिम बंगाल से लगी हुई है. इस परियोजना के लिए बीएसएफ ने आयुष मंत्रालय को भी शामिल किया है. मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल को मधुमक्खी के छत्ते और मिश्र धातु से बने 'स्मार्ट बाड़' पर उन्हें ठीक से लगाने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता प्रदान की है. इस परियोजना की परिकल्पना करने वाले बीएसएफ की 32वीं बटालियन के कमांडेंट सुजीत कुमार ने बताया कि इसने केंद्र के 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (वीवीपी) के तहत यह पहल की है. साथ ही, बीएसएफ ने एक कदम आगे बढ़ते हुए आयुष मंत्रालय से औषधीय पौधे उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जिनमें फूल आते हैं और इन्हें इन मधुमक्खियों के छत्तों के आसपास लगाया जा सकता है, ताकि मधुमक्खियां प्रचुर मात्रा में परागण कर सकें.
उन्होंने कहा, 'भारत-बांग्लादेश सीमा पर मधुमक्खियों के छत्ते लगाने की परिकल्पना को दो नवंबर को मूर्त रूप देना शुरू किया गया. बीएसएफ यह सुनिश्चित करेगा कि मधुमक्खी के छत्ते मधुमक्खी पालन में लगे स्थानीय लोगों के लिए सुलभ हों और इस पहल के लिए ग्रामीणों से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है.' अधिकारियों ने कहा कि नादिया जिले में बीएसएफ की दक्षिण बंगाल सीमा के अंतर्गत आने वाले सीमावर्ती इलाकों में मवेशी, सोना, चांदी और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे सीमा पार अपराध होने का खतरा है और अतीत में ऐसे मामले सामने आए हैं जब बदमाशों और तस्करों ने अवैध गतिविधियों के लिए बाड़ काटने के प्रयास किए हैं.