नई दिल्ली: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने बुधवार को ईटीवी भारत से एक खास बातचीत में कहा कि हमने सीमा पार विभिन्न स्थानों पर ड्रोन रोधी प्रणाली को तैनात किया है. हमने ड्रोन को मार गिराने वालों के लिए प्रोत्साहन की भी घोषणा की है. पिछले साल सिर्फ 1 ड्रोन को मार गिराया गया था, जबकि इस साल 16 नवंबर तक 16 ड्रोन मार गिराए जा चुके हैं. साल के अंत तक यह आंकड़ा 20 से 22 ड्रोन का हो सकता है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे पर निगरानी को बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के कैमरों को लगाया गया है. साथ ही कम लागत वाली तकनीक को भी तैयार करने पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हमें इसके लिए करीब तीस करोड़ रुपये मिले हैं. इस साल करीब 5,500 अतिरिक्त कैमरे लगाए जाएंगे. सिंह ने कहा हम किसी भी तरह की घुसपैठ या किसी भी तरह के अन्य नापाक मंसूबों की दिन और रात निगरानी करने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि चार एक-47 राइफल, गोला-बारूद और पचास किलोग्राम हेराइन बरामद की गई है.
बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत पंकज कुमार सिंह ने कहा 'हम सीमा पार से आने वाले ड्रोन में इस्तेमाल चिप्स का विश्लेषण करने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनके उड़ान पथ और उनकी उत्पत्ति का विश्लेषण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के विश्लेषण से पहले ही अवैध कारोबार में शामिल कम से कम आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सिंह ने कहा 'पंजाब पुलिस की मदद से, हम पहले ही 8 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं और कुल गिरफ्तार लोगों में से छह लोगों पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.'
आज की तारीख में लगभग 100 ड्रोन क्षेत्र के वर्चस्व के लिए फील्ड फॉर्मेशन के साथ उपलब्ध हैं. गृह मंत्रालय ने बड़ी संख्या में ड्रोन को अधिकृत किया है जो खरीद की प्रक्रिया में हैं. इस साल अक्टूबर तक बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा से 518.272 किलोग्राम नशीला पदार्थ, 500 रुपए नकली नोट, 54 हथियार, 845 गोला-बारूद के अलावा 182 लोगों को पकड़ा है. आतंकवादियों की आमद का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि बीएसएफ ने अपनी गश्त तेज कर दी है और पहले से ही कई संवेदनशील इलाकों की पहचान कर ली है, जहां से वे भारत में घुसपैठ करते हैं.
सिंह ने व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) के साथ कहा, सरकार C-2 केंद्र और नियंत्रण संसाधनों में जनशक्ति, विभिन्न सेंसर, नेटवर्क को एकीकृत करती है, ताकि विभिन्न स्तरों पर निर्णय लेने और त्वरित प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया जा सके. बीएसएफ ने 2,290 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तकनीकी समाधान लगाने का खाका तैयार किया है. उन्होंने कहा, 'सैद्धांतिक तौर पर इस परियोजना के तहत काम के प्रस्ताव को गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है.'
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पहला चरण जम्मू के 310 किलोमीटर और पंजाब फ्रंटियर के हिस्से को कवर करेगा, दूसरे चरण में कुल 575 किलोमीटर को कवर किया जाएगा, तीसरे चरण में राजस्थान और गुजरात के शेष हिस्से को कवर किया जाएगा और चौथे चरण में 964 किलोमीटर, उत्तर बंगाल और गुवाहाटी फ्रंटियर को कवर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-श्रीनगर के बीच काफिले की ड्यूटी के दौरान सैनिकों की सुरक्षा के लिए महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन पर लगे दो वाहन जैमर खरीदे गए हैं.