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क्या पीएम मोदी को खाद्य योजना के लिए नोबेल पुरस्कार मिलेगा  : BSE प्रमुख - bse md ashish chouhan demands nobel prize for pm modi for giving free food during covid pandemic

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख आशीष चौहान कहा कि हम राजनेताओं को दोष देते हैं लेकिन इस बार (कोरोना के दौरान) वे उम्मीदों पर खरे उतरे हैं. विश्व की सबसे बड़ी मुफ्त खाद्य योजना को सफलतापूर्वक लागू किया. क्या नोबेल शांति पुरस्कार समिति पीएम मोदी की भूमिका पर गंभीरता से विचार करेगी ?

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख आशीष चौहान
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख आशीष चौहान

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Published : Apr 30, 2022, 9:25 AM IST

Updated : Apr 30, 2022, 9:33 AM IST

कोलकाता: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख आशीष चौहान ने कोरोना महामारी के दौरान दुनिया की सबसे बड़ी फ्री राशन योजना को सफलतापूर्वक जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी सराहना की. इसके साथ ही पूछा कि क्या नोबेल शांति पुरस्कार समिति नरेंद्र मोदी की भूमिका को “गंभीरता से” देखेगी और पुरस्कार के लिए केंद्र के नामों पर विचार करेगी.

चौहान ने आईआईएम-कलकत्ता के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार 2020 संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को 11.5 करोड़ लोगों को भोजन देने के लिए दिया गया था. जो भारत के 80 करोड़ लोगों में से केवल 14 प्रतिशत है, जिन्हें महामारी के दौरान मुफ्त राशन मुहैया कराया गया था. संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के अनुसार, डब्ल्यूएफपी को 88 देशों में 97 मिलियन (9.7 करोड़) लोगों की सहायता करने के बाद नोबेल शांति पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया था, जो पिछले वर्ष तीव्र खाद्य असुरक्षा और भूख से पीड़ित थे.

बीएसई के एमडी और सीईओ ने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय विकसित देशों की तुलना में 10-30 गुना कम होने के बावजूद हमने कोविड के प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन किया है. इसके लिए हमें गर्वान्वित होना चाहिए. कोविड के दौरान भारत के मुफ्त कार्यक्रम ने 80 करोड़ गरीब लोगों को दो साल तक मुफ्त भोजन मिली. यह संख्या एक साथ कई देशों की जनसंख्या से अधिक है. क्या नोबेल पुरस्कार समिति मुफ्त भोजन कार्यक्रम में मोदी की भूमिका पर गंभीरता से विचार करेगी, यह देखा जाना बाकी है.

नवंबर 2022 में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने वाले बीएसई प्रमुख ने कहा, हम राजनेताओं को दोष देते हैं लेकिन इस बार वे उम्मीदों पर खरे उतरे हैं. हालांकि हम सभी ने कठिनाइयों का सामना किया. इस बीच भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता (आईआईएम-सी) ने इसका आयोजन किया दो साल के बाद पारंपरिक ऑफ़लाइन मोड में वार्षिक दीक्षांत समारोह था. दो साल के फ्लैगशिप एमबीए प्रोग्राम के 57 वें बैच में कुल 479 छात्रों ने अपनी डिग्री प्राप्त की, जबकि 79 अन्य को 1-वर्षीय एमबीएईएक्स कार्यक्रम के लिए सम्मानित किया गया. 100 से अधिक छात्रों ने डिप्लोमा प्राप्त किया जबकि संस्थान ने 15 छात्रों को पीएचडी की डिग्री भी दी.

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पीटीआई

Last Updated : Apr 30, 2022, 9:33 AM IST

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