बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी को एक और झटका लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने भाजपा से त्याग पत्र दे दिया है. वह कर्नाटक के प्रमुख लिंगायत नेता हैं. भाजपा ने उनका टिकट काट दिया है. अब मीडिया में चर्चा है कि वह कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं. इससे पहले सावदी ने पार्टी छोड़ दी थी. वह कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं. वह अथानी सीट से चुनाव लडे़ंगे.
जगदीश शेट्टार क्योंकि लिंगायत समुदाय से आते हैं, लिहाजा पार्टी के कुछ लोगों ने माना है कि नुकसान हो सकता है. माना जाता है कि लिंगायत समुदाय के बीच भाजपा सबसे अधिक पॉपुलर है. जगदीश शेट्टार 2012-13 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वह छह बार विधायक चुने गए हैं. 2014-18 के बीच वह प्रतिपक्ष के नेता थे. उस समय कांग्रेस की सरकार थी और सिद्दारमैया मुख्यमंत्री थे. बीएस येदियुरप्पा की सरकार में भी वह अहम मंत्री थे. वह बागलकोट के बादामी तालुक से आते हैं. एबीवीपी से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. वह आरएसएस से भी जुड़े रहे हैं.
पहली बार वह हुबली से 1994 में विधायक बने थे. 1999 और 2004 में भी वह इसी सीट से विधायक बने. 2008 से वह हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. टिकट बंटवारे से पहले ही शेट्टार ने घोषणा कर दी थी कि वह चुनाव लड़ेंगे और उनका टिकट कटा, तो वह निर्दलीय भी जरूर लड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर वह भाजपा से नहीं लड़ेंगे, तो कम से कम 20-25 सीटों पर भाजपा का समीकरण बिगाड़ सकते हैं. पिछले सप्ताह उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं. अगर पार्टी उनका टिकट काटना चाहती थी, तो उन्हें दो तीन महीने पहले ही बता देते.