अमृतसर: हाल ही में पाकिस्तान के ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे में दो भाई-बहनों के बीच एक और भावनात्मक पुनर्मिलन हुआ. यह सोशल मीडिया के माध्यम से संभव हुआ जिसने विभाजन के 75 वर्षों के बाद बिछड़े हुए व्यक्ति और उसकी बहन को एक साथ लाने में मदद की. पाकिस्तान के शेखपुरा की रहने वाली 68 वर्षीय सकीना अपने 80 वर्षीय भाई गुरमेल सिंह से करतापुर कॉरिडोर पर मिलीं.
इससे पहले सकीना ने अपने भाई गुरमेल सिंह को केवल तस्वीरों में देखा था. सकीना का जन्म विभाजन के बाद 1955 में पाकिस्तान में हुआ था. 1947 में विभाजन के दौरान, सकीना के माता-पिता भारत (पंजाब के लुधियाना के जस्सोवाल गांव) से पाकिस्तान चले गये थे. जब सेना परिवार को लेने आई तो सकीना का भाई गुरमेल जिसकी उम्र उस समय पांच साल थी, अपने घर पर मौजूद नहीं था. उसका नाम पुकारने और गुरमेल को कहीं न पाकर उसके माता-पिता पाकिस्तान के लिए रवाना हो गए. इस वजह से गुरमैल भारत में छूट गये.
सकीना ने कहा कि मेरा भाई पाकिस्तान में हमारे परिवार को पत्र भेजता था. उस समय मैं ढाई साल की थी. बाद में मेरी मां का निधन हो गया और धीरे-धीरे मेरे भाई के पत्र भी आने बंद हो गए. जब मैं वयस्क हुई, मेरे पिता ने मुझे बताया कि मेरा एक भाई है और उन्होंने मुझे उसकी कुछ तस्वीरें दिखाईं.