दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

बंटवारे में बिछड़े भाई-बहन 68 साल में पहली बार श्री करतारपुर कॉरिडोर में मिले

1947 में विभाजन के दौरान गुरमेल सिंह का परिवार भारत, यानी उनके माता पिता पंजाब के लुधियाना के जस्सोवाल गांव से पाकिस्तान चले गए थे. परिस्थिति वश गुरमेल भारत में ही छूट गये. पाकिस्तान जाने के कुछ दिनों पर उनके माता-पिता को एक बेटी हुई सकीना. सकीना पहली बार अपने भाई गुरमेल से मिली. पढ़ें पूरी खबर...

Brother Sister Meets after 76 years
श्री करतारपुर कॉरिडोर में मिले गुरमेल और सकीना

By

Published : Aug 8, 2023, 8:19 AM IST

अमृतसर: हाल ही में पाकिस्तान के ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे में दो भाई-बहनों के बीच एक और भावनात्मक पुनर्मिलन हुआ. यह सोशल मीडिया के माध्यम से संभव हुआ जिसने विभाजन के 75 वर्षों के बाद बिछड़े हुए व्यक्ति और उसकी बहन को एक साथ लाने में मदद की. पाकिस्तान के शेखपुरा की रहने वाली 68 वर्षीय सकीना अपने 80 वर्षीय भाई गुरमेल सिंह से करतापुर कॉरिडोर पर मिलीं.

इससे पहले सकीना ने अपने भाई गुरमेल सिंह को केवल तस्वीरों में देखा था. सकीना का जन्म विभाजन के बाद 1955 में पाकिस्तान में हुआ था. 1947 में विभाजन के दौरान, सकीना के माता-पिता भारत (पंजाब के लुधियाना के जस्सोवाल गांव) से पाकिस्तान चले गये थे. जब सेना परिवार को लेने आई तो सकीना का भाई गुरमेल जिसकी उम्र उस समय पांच साल थी, अपने घर पर मौजूद नहीं था. उसका नाम पुकारने और गुरमेल को कहीं न पाकर उसके माता-पिता पाकिस्तान के लिए रवाना हो गए. इस वजह से गुरमैल भारत में छूट गये.

सकीना ने कहा कि मेरा भाई पाकिस्तान में हमारे परिवार को पत्र भेजता था. उस समय मैं ढाई साल की थी. बाद में मेरी मां का निधन हो गया और धीरे-धीरे मेरे भाई के पत्र भी आने बंद हो गए. जब मैं वयस्क हुई, मेरे पिता ने मुझे बताया कि मेरा एक भाई है और उन्होंने मुझे उसकी कुछ तस्वीरें दिखाईं.

सकीना ने कहा कि मैं भारत में रहने वाले अपने भाई से मिलने के लिए उत्सुक थी. जब मेरे दामाद को मेरे भाई गुरमेल के भारत में रहने के बारे में पता चला, तो उन्होंने एक चैनल चलाने वाले यूट्यूबर से संपर्क किया. गुरमेल सिंह की ओर से पत्र और उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड किया. सोशल मीडिया ने दो बिछड़े हुए भाई-बहनों को फिर से मिलाने में मदद की. दिसंबर 2022 में, सकीना ने पहली बार अपने भाई के साथ वीडियो कॉल पर बात की.

ये भी पढ़ें

आखिरकार करतारपुर कॉरिडोर में मिलना तय हुआ. जब श्री करतारपुर साहिब में दोनों की मुलाकात हुई तो गुरमेल और सकीना की आंखों से आंसू छलक पड़े. उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाया और एक-दूसरे की आंखें पोंछीं. अब वे उम्मीद कर रहे हैं कि दोनों देश उन्हें वीजा देंगे ताकि दोनों भाई-बहन अपने जीवन के कुछ दिन एक साथ बिता सकें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details