लंदन : ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे ने सबको चौंका दिया. हालांकि, जिस तरह से ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति लगातार गिरती जा रही थी, उससे यह कयास जरूर लगाए जा रहे थे कि ट्रस ज्यादा दिनों तक पद पर बनीं नहीं रह सकती हैं. उनकी पार्टी कंजरवेटिव पार्टी के भीतर ही बगावत के सुर तेज हो गए थे.British PM Liz truss resigns .
होम सेक्रेट्री सुएला ब्रेवरमैन के इस्तीफे के बाद से ट्रस पर दबाव बढ़ गया था. इस्तीफे की घोषणा करते हुए खुद ट्रस ने कहा कि मैं मानती हूं कि जिस तरह की स्थिति है उसमें पार्टी ने जिस मैन्डेट के तहत मेरा चुनाव किया था, उसे मैं पूरा नहीं कर सकूंगी. पद से हटने के बाद वो सबसे कम समय तक सत्ता संभालने वाली ब्रितानी प्रधानमंत्री बन जाएंगी.
उनकी टैक्स कटौती नीति उन पर भारी साबित हुई. उन्हें कई प्रकार की रियायतों की घोषणा कर दी थी. बाद में आर्थिक स्थिति बिगड़ी, तो रियायतों को वापस ले लिया. उनके कुछ फैसले इस तरह से थे.
23 सितंबर :मिनी बजट में 45 अरब की टैक्स कटौती की घोषणा. बाजार में हलचल मच गई.
26 सितंबर :डॉलर के मुकाबले पाउंड अपने न्यूनतम स्तर तक पहुंच गया.
03 अक्टूबर :इनकम टैक्स की ऊंची दर का फैसला पलट दिया.
14 अक्टूबर : वित्त मंत्री बर्खास्त किए गए, जेरेमी हंट को मिली जिम्मेदारी.
19 अक्टूबर :गृह सचिव ने दिया इस्तीफा.
अब, पार्टी जब तक अगले नेता का चयन नहीं कर लेती है, तब तक वह पद पर बनीं रहेंगी. उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह तक किसी न किसी का नाम सामने आ जाएगा. कंजरवेटिव पार्टी की प्रतिद्वंद्वी लेबर पार्टी ने तुरंत आम चुनाव कराने की मांग की है.
अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इसको लेकर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है. जिन नामों की चर्चा सबसे अधिक की जा रही है, उनमें बोरिस जॉनसन और ऋषि सुनक शामिल हैं. सुनक भारतीय मूल के हैं. वह इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. सुनक का नाम ब्रिटेन के सबसे अधिक संपन्न लोगों में से आता है.
कंजरवेटिव पार्टी के सांसद चाहें तो सिर्फ मतदान कर नया नेता चुन सकते हैं. ऐसा हुआ, तो ऋषि सुनक के पीएम बनने की संभावना बढ़ सकती है. वैसे मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुनक के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा खुद बोरिस जॉनसन हैं. जॉनसन के वफादार सांसद सुनक का समर्थन करने के लिए तैयार नहीं हैं.
सुनक को 2020 में वित्त मंत्री बनाया गया था. उनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं. वे 1960 के दशक में ब्रिटेन आकर बस गए थे. ऋषि का जन्म 1980 में ब्रिटेन के साउथम्पैटन में हुआ. वह तीन भाई-बहन हैं. उनकी मां दवा दुकान चलाती थीं, जबकि पिता डॉक्टर थे. ऋषि अपने भाई-बहन में सबसे बड़े हैं. ऋषि ने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की है. उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से फिलोसॉफी और इकोनोमिक्स की डिग्री प्राप्त की है. इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. ग्रैजुएशन कंप्लीट करने के बाद ऋषि ने गोल्डमैन साच के साथ काम की शुरुआत की. बाद में वह हेज एंड फर्म्स के पार्टनर बन गए.
ऋषि ने एक अरब पाउंड की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की. उनकी कंपनी छोटे कारोबारों में निवेश में मदद करने का काम करती थी. इसके बाद वह राजनीति में आए. वह जब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई. अक्षता, नायारण मूर्ति की बेटी हैं. यह मुलाकात संबंध में तब्दील हो गई. दोनों ने शादी कर ली. उनकी दो बेटी, कृष्णा और अनुष्का, हैं. ऋषि 2015 में कंजरवेटिव पार्टी से सांसद बने. वह रिचमंड से चुने गए थे. रिचमंड यॉर्कशर में पड़ता है. उन्होंने ब्रेग्जिट का समर्थन किया. इसके बाद उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती गई. ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे की कैबिनेट में उन्हें जूनियर मंत्री के रूप में काम करने का मौका मिला. फिटनेस को लेकर उन्हें काफी जुनूनी माना जाता है. वह फुटबॉल और क्रिकेट के शौकीन हैं. लोगों के बीच वह डिशी ऋषि के नाम से जाने जाते हैं.
सांसद बेकर बोले, सुनक एक अच्छे पीएम होंगे : ब्रिटेन के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफा देने के बाद कंजर्वेटिव सांसद और उत्तरी आयरलैंड के मंत्री स्टीव बेकर ने कहा है कि भारतीय मूल के पूर्व ब्रिटिश चांसलर ऋषि सुनक एक अच्छे प्रधानमंत्री बनेंगे. बेकर ने आईटीवी के पेस्टन से कहा, मुझे लगता है कि देश को दिशा बदलने की जरूरत है. ऋषि एक अच्छे प्रधानमंत्री होंगे..हमारी पार्टी में ऐसे कई लोग हैं जो अच्छे प्रधानमंत्री बन सकते हैं.