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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन से वार्ता की - पीएम हैदराबाद हाउस बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में बैठक की. इस दौरान रक्षा, व्यापार और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और विस्तार देने के लिए विस्तृत चर्चा की.

BRITISH PM JOHNSON AND PM MODI MEETING
बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी 'रोडमैप-2030' पर करेंगे गहन बातचीत

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Published : Apr 22, 2022, 11:30 AM IST

Updated : Apr 22, 2022, 12:58 PM IST

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत दौरे पर आए अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन से रक्षा, व्यापार और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और विस्तार देने के लिए विस्तृत चर्चा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन ने नई दिल्ली में वार्ता की. दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के रास्तों के बारे में चर्चा की.'

वार्ता से पहले ब्रिटेन ने कहा कि वह भारत को सर्वश्रेष्ठ ब्रिटिश उन्नत युद्धक विमान के निर्माण से संबंधित जानकारी देगा और हिंद महासागर में चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की प्रौद्योगिकी जरूरतों का समर्थन देगा. ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि आने वाले दशकों में भारत के साथ वृहद रक्षा और सुरक्षा भागीदारी के समर्थन में ब्रिटेन, भारत को ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) जारी करेगा जिससे नौकरशाही कम होगी और रक्षा खरीद के लिए आपूर्ति का समय कम होगा.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में दो दिवसीय यात्रा पर बृहस्पतिवार को भारत पहुंचे. उच्चायोग ने जॉनसन के हवाले से कहा, ‘दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं. भारत के साथ ब्रिटेन की भागीदारी इन तूफानी सागरों में प्रकाशपुंज है.' उच्चायोग ने कहा कि ब्रिटेन और भारत किफायती हरित हाइड्रोजन पर काम तेज करने के लिए वर्चुअल हाइड्रोजन विज्ञान एवं नवोन्मेष हब शुरू कर रहे हैं.

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उसने कहा कि जॉनसन स्वच्छ एवं नवीनीकरण ऊर्जा पर नए सहयोग पर भी चर्चा करेंगे, जिसका मकसद आयातित तेल से नयी दिल्ली के ऊर्जा बदलाव को समर्थन देना और सुरक्षित तथा टिकाऊ ऊर्जा के जरिए इसके लचीलेपन को बढ़ाना तथा ब्रिटेन और भारत दोनों देशों में जलवायु परिवर्तन से निपटना है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 22, 2022, 12:58 PM IST

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