नई दिल्ली : ब्रिटेन ने मैसूरु के शासक टीपू सुल्तान के लिए बनाई गई 18वीं सदी की एक बंदूक के निर्यात पर रोक लगा दी है. इस फ्लिंटलॉक बंदूक की कीमत 20 लाख पाउंड है. सरकार चाहती है कि इसका खरीददार ब्रिटेन से ही हो ताकि इसे सार्वजनिक अध्ययन और शिक्षा के लिए देश में ही रखा जा सके. शूटिंग खेलों के लिए डिजाइन की गई 14-बोर की बंदूक भारत में असद खान मुहम्मद ने 1793 और 1794 के बीच टीपू सुल्तान के लिए बनाई थी.
यह बंदूक 138 सेंटीमीटर लंबी है और मजबूत लकड़ी से बनी है. इस पर चांदी की जड़ी गई है. इस बैरल स्टील से बना है जिसे छेनी से काटकर उसमें सोना और चांदी भरी गई है. व्हिटली बे के कला और विरासत मंत्री लॉर्ड पार्किं सन ने टीपू सुल्तान की फ्लिंटलॉक स्पोटिर्ंग गन के निर्यात पर इस उम्मीद में रोक लगाई है कि इसे ब्रिटेन में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा जा सके.
पार्किं सन ने कहा, यह दिखने में आकर्षक बंदूक अपने-आप में एक महत्वपूर्ण प्राचीन वस्तु है. साथ ही ब्रिटेन और भारत के बीच महत्वपूर्ण, साझा इतिहास का एक उदाहरण है. उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि इसे अधिक से अधिक लोगों के साथ साझा किया जा सकता है और एक भयानक काल, जिसने हमारे दोनों देशों को आकार दिया, की हमारी समझ को गहरा करने के लिए उपयोग किया जाता है.
मैसूरु के टाइगर के रूप में मशहूर टीपू सुल्तान एंग्लो-मैसूर युद्धों के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और उसके सहयोगियों के एक धुर विरोधी थे. वह 4 मई, 1799 को श्रीरंगपट्टम (श्रीरंगपटना) के अपने गढ़ की रक्षा करते हुए मारे गए थे.