नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर की ओर से उनके वकील राजीव मोहन ने लिखित दलीलें दाखिल की है. वहीं, कोर्ट ने शिकायतकर्ता पहलवानों की ओर से लिखित दलीलें पेश करने के लिए उनके वकील को 28 नवंबर तक का समय दिया है. साथ ही कोर्ट ने बहस के लिए तय की गई 23 और 24 नवंबर की तारीखें रद्द कर दी है. अब शिकायतकर्ताओं की ओर से लिखित दलील दाखिल होने के बाद ही कोर्ट आरोप तय करने पर बहस के लिए नई तारीख तय करेगा.
बृजभूषण के वकील ने उठाया था क्षेत्राधिकार पर सवाल:पिछली सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील ने राउज एवेन्यू कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया. वकील राजीव मोहन ने कहा कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्रधिकार इस अदालत के पास नहीं है. शिकायतकर्ता ने 2022 की बुल्गारिया और कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का जिक्र किया है, लेकिन कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का जिक्र ओवर साइट कमेटी के सामने नहीं किया गया था.
कोर्ट ने सभी पक्षकारों से दो हफ्ते में लिखित दलीलें अदालत में जमा कराने को कहा. साथ ही कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22, 23 और 24 नवंबर के लिए तय कर दी. इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट ने पेशी से छूट दे दी थी.
वहीं, बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा था कि ओवर साइट कमेटी पॉक्सो एक्ट के तहत नहीं बनाई गई थी. राजीव मोहन ने कहा था कि ओवर साइट कमेटी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को केंद्र सरकार ने भेजी थी. उन्होंने कहा कि कॉस्मेटिक तरीके से शिकायत दर्ज कराई गई है. बृजभूषण ने पहलवानों को नोटिस जारी कर कभी भी ऑफिस में नहीं बुलाया.
बता दें, पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, और साक्षी मलिक सहित अन्य पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. और कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था. इस मामले को लेकर बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था. महिला पहलवानों की तरफ से वकील रेबिका जॉन ने कहा था कि एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को बृजभूषण की तरफ से अदालत में चुनौती नहीं दी गई है. साथ ही मामले में एक ही एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें सभी शिकायतकर्ता के बयानों को दर्ज किया गया है.
सभी एफआईआर एक ही व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई. सभी शिकायतकर्ताओं ने एक ही तरह के अपराध के बारे में बताया है. वकील ने कहा कि एक से ज्यादा अपराध अगर एक आरोपी द्वारा किए जाते हैं तो आरोपी को सभी आरोपों का सामना करना होता है. रेबेका जॉन की दलीलें सुनने के बाद एडिशनल चीफ मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह कोर्ट में उपस्थित रहे थे.