नई दिल्ली:महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह व निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर महिला पहलवानों की तरफ से शुक्रवार को उनकी वकील रेबेका जॉन ने बहस के दौरान अपनी दलीलें रखीं. इस दौरान वकील रेबेका जॉन ने कहा कि एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को बृजभूषण की तरफ से अदालत में चुनौती नहीं दी गई है. साथ ही मामले में एक ही एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें सभी शिकायतकर्ता के बयानों को दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि सभी एफआईआर एक ही व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई और सभी शिकायतकर्ताओं ने एक ही तरह के अपराध के बारे में बताया है. अगर एक ही आरोपी द्वारा एक से अधिक अपराध किए जाते हैं तो आरोपी को सभी आरोपों का सामना करना होता है. अगर सभी अपराध देश के बाहर हुए हों तो इसके लिए गृह मंत्रालय से अनुमति लेने की जरूरत होती है, लेकिन अपराध देश के अंदर हुआ हो तो उसके लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती है.
सही तरह से दर्ज नहीं किया गया बयान: रेबेका जॉन ने कहा कि मामले में कोई ओवर साइट कमेटी नियमों के हिसाब से रिपोर्ट नहीं बनाई गई. जो भी रिपोर्ट बनाई गई उसके कोई नतीजे नहीं हैं. बार-बार वीडियो रिकॉर्डिंग को बंद किया गया. कमेटी ने बस यही बताया कि किसने क्या कहा, लेकिन उसका अपना कोई निष्कर्ष नहीं था. जिस तरह से शिकायतकर्ताओं का बयान दर्ज किया गया वह सही नहीं है. वह सिर्फ समय की बर्बादी थी.