नई दिल्ली:महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर आरोप तय करने को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22, 23 और 24 नवंबर के लिए तय कर दी.
कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर सवाल: सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने राउज एवेन्यु कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है. शिकायतकर्ता ने 2022 की बुल्गारिया और कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का जिक्र किया, लेकिन कुश्ती संघ के दफ्तर की घटना का जिक्र ओवर साइट कमेटी के सामने नहीं किया गया था. कोर्ट ने सभी पक्षकारों से दो हफ्ते में लिखित दलीलें अदालत में जमा कराने को कहा.
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सिंह को कोर्ट ने पेशी से छूट दे दी थी. वहीं, बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा था कि ओवर साइट कमेटी पोक्सो एक्ट के तहत नहीं बनाई गई थी. बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा था कि ओवर साइट कमेटी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को केंद्र सरकार ने भेजी थी. उन्होंने कहा कि कॉस्मेटिक तरीके से शिकायत दर्ज कराई गई है. बृजभूषण ने पहलवनों को नोटिस जारी कर कभी भी ऑफिस में नहीं बुलाया. बता दें, पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, और साक्षी मलिक सहित अन्य पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कार्रवाई की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर धरना दिया था. इस मामले को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था.