नई दिल्ली : 13वें ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने आज कहा कि विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए ब्रिक्स का मंच उपयोगी रहा है. उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो. प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं. इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. इस वर्ष भारत उस समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुना है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है. उन्होंने कहा, हाल ही में पहले 'ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन' का आयोजन हुआ. तकनीक की मदद से स्वास्थ्य तक पहुंच बढ़ाने के लिए यह एक इनोवेटिव कदम है.
प्रधानमंत्री ने आगामी कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे. उन्होंने कहा, 'यह भी पहली बार हुआ कि BRICS ने 'बहुआयामी सिस्टम की मजबूती और सुधार' पर एक साझा स्टैंड लिया है.
आतंक के मुद्दे का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा 'हमने ब्रिक्स आतंकवाद के खिलाफ एक्शन प्लान (Counter Terrorism Action Plan) भी अडॉप्ट किया है.
इस साल के ब्रिक्स सम्मेलन की थीम ब्रिक्स एट 15 : इंट्रा-ब्रिक्स कोऑपरेशन फॉर कंटीन्यूटी, कंसॉलिडेशन एंड कंसेंसस (BRICS at 15: Intra-BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus) रखी गई है.
बता दें कि ब्रिक्स पांच देशों का समूह है. इसमें (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) शामिल हैं. इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा भी उपस्थित थे.
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पीएम ने ब्रिक्स की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विश्व की प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाओं के इस मंच ने एक आतंकवाद-रोधी कार्ययोजना को मंजूरी दी है. उन्होंने अगले 15 साल में इस समूह को और प्रभावी बनाना सुनिश्चित करने का आह्वान किया.