साहिबगंजः राजमहल अनुमंडल अस्पताल में कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से देने का मामला सामने आया है. अस्पताल में सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ वर्कर) के पद पर कार्यरत कृपाल मीड़ा पर 500 रुपया लेकर फर्जी तरीके से कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट देने का मामला उजागर हुआ है.
एक तरफ कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट का अवैध खेल चल रहा है. अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए कई लोग बिना जांच के कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं. आलम ये है कि पैसा लेकर फर्जी तरीके से सर्टिफिकेट भी दिया जा रहा है. ऐसा ही मामला साहिबगंज के राजमहल अनुमंडल अस्पताल में सामने आया है.
अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी की ओर से फर्जी तरीके से कोविड का सर्टिफिकेट धड़ल्ले से दिया जा रहा था. मामला तब उजागर हुआ जब राजमहल अनुमंडल अस्पताल के CHO के रंगेहाथों 500 रुपये लेने का वीडियो और फोन पर पैसा मांगने का ऑडियो क्लिप सामने आया, उसने इस मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. उसने ये भी स्वीकार किया कि कॉल के जरिए उसने सर्टिफिकेट देने के बदले पैसा लेने की बात कही थी. इसके अलावा वीडियो में कृपाल को पैसा लेते हुआ साफ देखा जा सकता है.
ऑडियो क्लिप में एक आदमी की ओर से अस्पताल के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता कृपाल मीड़ा से बातचीत में यह पूछ रहा है कि 60 मजदूर मुंबई जाना चाहते हैं, उनको तत्काल कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट चाहिए. दोनों की बातचीत में मांगीलाल चौधरी और कासिम का नाम आया है, जिसमें बाहर जाने वाले मजदूरों से फर्जी तरीके से कम समय में पैसे लेकर सर्टिफिकेट देने की बातचीत हुई है.