चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने गुरुवार को मदुरै में कक्षा 1 से 5 तक के सरकारी स्कूली छात्रों के लिए मुफ्त ब्रेकफास्ट स्कीम की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि पहले चरण में 1.16 लाख छात्रों को मुफ्त नाश्ता उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि 'भविष्य में इसका और विस्तार किया जाएगा. कोई यह नहीं सोचे कि यह चुनाव से जुड़ी कोई नई स्कीम है. ऐसा करना सरकार का कर्तव्य है.'
सीएम ने कहा कि कोई भी गरीब छात्र भोजन की जरूरत के लिए स्कूल न छोड़े. तमिलनाडु सरकार ने इस योजना के उद्घाटन के लिए 15 सितंबर को चुना है, क्योंकि इस दिन द्रमुक के संस्थापक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सी.एन. अन्नादुरई का जन्मदिवस है. पहले चरण में 1,545 स्कूलों में मुफ्त ब्रेकफास्ट स्कीम लागू की जाएगी. मुफ्त नाश्ते में पोंगल, किचड़ी, उपमा शामिल हैं और शुक्रवार को नियमित नाश्ते के अलावा एक मिठाई प्रदान की जाएगी.
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योजना के पहले चरण में नगर निगमों के कुल 417 स्कूल, नगर पालिकाओं के 163 स्कूल, ग्राम पंचायतों के 728 स्कूल और राज्य के अंदरूनी इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों के 237 स्कूल शामिल होंगे. उसी के आधार पर हमने स्कूली बच्चों के लिए नाश्ता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया है. सौ साल पहले आज ही के दिन चेन्नई प्रांत में सत्तारूढ़ जस्टिस पार्टी के सर पीटी त्यागरयार ने चेन्नई में एक स्कूली भोजन कार्यक्रम शुरू किया था.
बाद में इस योजना को ब्रिटिश शासकों ने रोक दिया था. बाद में 1957 में, कामराज ने मध्याह्न भोजन योजना शुरू की और 1971 में तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधि ने गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए पोषण योजना की शुरुआत की थी. बाद में सत्ता में आए एमजीआर ने इसका विस्तार पोषण योजना के रूप में किया. उन्होंने और केंद्र खोलने का भी आदेश दिया. 1989 में सत्ता में आए करुणानिधि ने विभिन्न झूठे प्रचारों को हराकर पोषण कार्यक्रम को जारी रखा और अतिरिक्त अंडा योजना की घोषणा की थी.