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राजस्थानः RBM अस्पताल की 6वीं मंजिल से गिरकर युवक की मौत, गुटखा थूकने के दौरान हुआ हादसा

भरतपुर में एक युवक की छठी मंजिल से गिरने से मौत (Boy fell from sixth floor in Bharatpur) हो गई. हादसे के दौरान युवक अपने किसी पहचान वाले से मिलने के लिए आरबीएम जिला अस्पताल गया था. जहां खिड़की से गुटखा थूकने के क्रम में उसका पैर फिसल गया और वो सीधे छठी मंजिल से नीचे (Boy died after falling from sixth floor) आ गिरा. इस घटना में युवक की मौके पर ही मौत हो गई.

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Published : Jan 3, 2023, 5:08 PM IST

Boy died after falling from sixth floor, Bharatpur RBM Hospital
अस्पताल की 6वीं मंजिल से गिरकर युवक की मौत.

भरतपुर.आरबीएम जिला अस्पताल की छठी मंजिल से गिरने से एक युवक की (Boy died after falling from sixth floor)मौत हो गई. घटना मंगलवार अलसुबह की बताई जा रही है. परिजनों ने पुलिस में दी तहरीर में बताया कि युवक खिड़की से गुटखा थूक रहा था. इसी दौरान पैर फिसलने से वो खिड़की से बाहर आ गिरा. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. हालांकि, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी (Boy fell from sixth floor in Bharatpur) है. उक्त मामले में मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ सिंह ने बताया कि मंगलवार अलसुबह करीब साढ़े तीन बजे एक युवक की अस्पताल की छठी मंजिल से गिरने से मौत हो गई. मृतक की शिनाख्त इकरन निवासी चंद्रपाल (21) पुत्र पदम सिंह के रूप में हुई है, जो हादसे के दौरान किसी मरीज से मिलने के लिए अस्पताल आया था.

मृतक के पिता पदम सिंह ने पुलिस में दी लिखित तहरीर में बताया कि उनका बेटा चंद्रपाल सोमवार दोपहर 3 बजे अपने घर से आश्रम जाने की बात कहकर निकला था. वहां से वो किसी पहचान वाले से मिलने के लिए आरबीएम अस्पताल चला गया. जहां मंगलवार अलसुबह अस्पताल की छठी मंजिल की खिड़की से बाहर गुटखा थूकने के दौरान उसका पैर फिसल गया और वो खिड़की से बाहर आ गिरा. इस घटना में युवक की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है. साथ ही बताया गया कि मृतक चंद्रपाल के परिवार में दो भाई और एक बहन है. पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. चंद्रपाल की अभी शादी नहीं हुई थी.

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वहीं, उक्त मामले में अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि चंद्रपाल आश्रम में अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम करता था. लेकिन करीब 15 दिन पहले ही उसे काम से हटा दिया गया था. डॉ. भारद्वाज ने बताया कि आश्रम में नियमित काम पर रखने से पहले हम कुछ समय नए लोगों को ट्रायल पर रखते हैं. यदि काम और व्यवहार संतोषप्रद लगता है तो उसे आगे नियमित किया जाता है.

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