चंडीगढ़: भारत विकसित देशों की दौड़ में शामिल होने के लिए तेजी से दौड़ रहा है. क्षेत्रफल और बड़ी आबादी वाला देश हर मामलों में दूसरे देशों को टक्कर दे रहा है, लेकिन जब बात ओलंपिक खेलों (India in Olympic Games) की होती है तो बाकी देशों से तुलना करना शर्मसार करने वाली बात हो सकती है. टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में 206 देशों ने हिस्सा लिया है. जिसमें से भारत के 127 खिलाड़ी हैं.
मेडल सूची की बात करें तो भारत खबर लिखे जाने तक 5 मेडल के साथ 65वें स्थान पर है. बड़ा सवाल ये कि ऐसा क्यों? 127 खिलाड़ियों में महज पांच पदक. इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं होगा. लेकिन राष्ट्रीय स्तर की मुक्केबाज रितु (National level boxer Ritu) की कहानी काफी कुछ बयां कर सकती है. कहने को तो रितु नेशनल लेवल की बॉक्सर हैं, लेकिन आर्थिक तंगी (Boxer Ritu financial crisis) की वजह से अब पार्किंग स्लॉट में काम करने को मजबूर हैं. बॉक्सर रितु अपने परिवार के साथ धनास के छोटे से फ्लैट में रहती हैं.
रितु के पिता बीमार हैं, जिन पर महीने की दवाई का खर्च करीब 10 हजार के करीब आता है. घर में कमाने वाले अकेले पिता थे, जब वो बीमार पड़ गए तो खर्च चलाने के लिए रितु ने पढ़ाई और ओलंपिक के मेडल के सपने को बीच में ही छोड़ दिया. आज नेशनल लेवल की बॉक्सर जिसे अब ओलंपिक में होना चाहिए था वो आज चंडीगढ़ सेक्टर 22 की पार्किंग स्लॉट (Parking Slot Sector 22 Chandigarh) में पर्चियां काट रही हैं.
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