कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड पदक विजेता अमित पंघाल का नाम एशियन गेम्स से बाहर रोहतक: भारत के स्टार बॉक्सर अमित पंघाल एशियन गेम्स से बाहर कर दिये गये हैं. बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) ने उनका नाम एशियन गेम्स के लिए नहीं भेजा है. इसका आधार मूल्यांकन के नए मापदंड को बताया गया है. अमित पंघाल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अमित पंघाल ने कहा है कि मूल्यांकन के नए नियम लागू होने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से तो नुकसान है ही, साथ में जूनियर खिलाड़ियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
ये भी पढ़ें-हरियाणा के बॉक्सर अमित पंघाल ने कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता स्वर्ण पदक, घर में जश्न
अमित पंघाल ने BFI के इस फैसले को भेदभाव की नीति करार दिया है. अमित पंघाल ने कहा है कि बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा खिलाड़ियों के मूल्यांकन के नए नियम तैयार किए गये हैं. उन नियमों के तहत एशियाई खेलों में उनकी जगह दीपक भोरिया को भेजा जा रहा है, जो सरासर गलत है.
पंघाल ने कहा कि केवल उनकी कैटेगरी में ही नहीं बल्कि दो अन्य कैटेगरी के खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा ही हुआ है. उन्होंने मांग की है कि देश में प्रतिभाओं को आगे भेजने के लिए ट्रायल होना चाहिए, ना कि मूल्यांकन का सहारा लेना चाहिए. यह मूल्यांकन का नियम कहीं ना कहीं अपनों को लाभ पहुंचाने का एक सरल तरीका बनाया गया है. वह फेडरेशन के इस निर्णय से काफी आहत हैं.
ये भी पढ़ें-हरियाणा के इन 3 बॉक्सरों ने बर्मिंघम में लहराया परचम, सेमीफाइनल में पहुंच पदक किया पक्का
अमित पंघाल का कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. साथ ही जूनियर खिलाड़ियों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने बॉक्सिंग फेडरेशन से मांग की है, कि एशियाई खेलों के लिए खिलाड़ियों का ट्रायल लेकर भेजें. ताकि देश में बॉक्सिंग के मेडल आ सकें. अमित पंघाल ने बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को भी नसीहत दी है कि उन्हें भी ट्रायल देकर ही आगे जाना चाहिए. पंघाल ने कुश्ती के उन जूनियर खिलाड़ियों का समर्थन किया है, जो ट्रायल की मांग कर रहे हैं.
अमित पंघाल के पेटिशनर डॉक्टर जयपाल का कहना है कि वह खुद भी अमित पंघाल का एशियन गेम से नाम कटने पर आहत हैं. उन्होंने कहा कि वो हाईकोर्ट में इस मामले में पेटीशनर बने हैं. उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को ट्रायल के आधार पर भेजना ही सर्वोत्तम तरीका है. मूल्यांकन के आधार पर भेजना खेल के लिए घाटे का सौदा है. उन्होंने आरोप लगाया किए नए मूल्यांकन का तरीका कहीं न कहीं अपने चहेतों को फायदा पहुंचाना लगता है. उन्होंने कुश्ती में बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल में मिली छूट का विरोध करते हुए कहा है कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को भी ट्रायल जरूर देना चाहिए.
ये भी पढ़ें:हरियाणा के इन 3 बॉक्सरों ने बर्मिंघम में लहराया परचम, सेमीफाइनल में पहुंच पदक किया पक्का