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पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के बेटों को जिलाबदर करने की तैयारी, जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी

बसपा सरकार में मंत्री रहे याकूब कुरैशी के दोनों बेटों को जिलाबदर करने की तैयारी है. पुलिस याकूब समेत उसके बेटों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई पहले भी कर चुकी है.

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Published : Aug 5, 2023, 1:49 PM IST

मेरठ :पूर्व मंत्री और मीट माफिया याकूब कुरैशी की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. सोनभद्र जेल में निरुद्ध पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के जमानत पर चल रहे बेटे इमरान और फिरोज के विरुद्ध गुंडा एक्ट की कार्रवाई के बाद अब जिलाबदर की कार्रवाई प्रशासन करने वाला है. याकूब के बेटों को जिलाबदर करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी करते हुए पक्ष रखने को कहा है.

मेरठ जिले के खरखौदा थाना क्षेत्र में बुलंदशहर रोड पर अवैध रूप से मीट फैक्ट्री संचालन करने के मामले में पिछले साल हाज़ी याकूब और उसके परिवार पर पुलिस और जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू किया था. तब से अब तक इस परिवार की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं देतीं. अब पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के दोनों बेटों को जिला बदर करने के लिए एडीएम सिटी की तरफ से नोटिस जारी किया गया है. बता दें कि इससे पहले पुलिस याकूब समेत उसके बेटों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी कर चुकी है.

विवादों से रहा है पुराना नाता

इस मामले में एडीएम सिटी ने अब जिला बदर करने की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए याकूब के बेटों को नोटिस जारी किया है. उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है. अब तय माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री और मीट माफिया याकूब कुरैशी के दोनों बेटों के विरुद्ध जल्द ही अब मेरठ पुलिस जिलाबदर करने की तैयारी कर देगी. बता दें कि याकूब के दोनों बेटे गैंगस्टर एक्ट में जमानत पर चल रहे थे. एसएसपी की तरफ से पिछले माह याकूब के बेटों की फ़ाइल को एसएसपी की तरफ से डीएम को सौंपा गया था. दोनों को जिलाबदर करने के लिए डीएम को फाइल भेजी गई थी.

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि 'याकूब कुरैशी के बेटों पर पूर्व में ही गुंडाएक्ट की कार्रवाई की जा चुकी थी. अब जिला बदर की कार्रवाई होनी है.'

विवादों से रहा है पुराना नाता :दरअसल, बीते वर्ष 30 मार्च की रात मेरठ के हापुड़ रोड पर अल्लीपुर में स्थित पूर्व मंत्री की मीट फैक्ट्री में पांच करोड़ का मीट पकड़ा गया था. इसके बाद याकूब और उनके परिवार के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. इससे पहले याकूब कुरैशी का नाम सबसे पहले तब सुर्खियों में आया था, जब साल 2006 में उसने डेनमार्क के एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा कर दी थी. फरवरी 2011 में याकूब कुरैशी ने मेरठ में हापुड़ अड्‌डे पर सिपाही चहन सिंह बालियान को गाड़ी को आगे न ले जाने पर थप्पड़ जड़ दिया था. मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने हाजी याकूब कुरैशी के स्वामित्व वाले एक अस्पताल को बिना लाइसेंस चलते पाया था. इसे सील कर दिया गया था. मेरठ के शास्त्री नगर में कुरैशी परिवार के स्वामित्व वाले एक स्कूल को भी बंद कर दिया गया था. स्कूल मैनेजमेंट के पास किसी भी वैध शिक्षा बोर्ड से मान्यता का प्रमाण नहीं था.

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